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अधूरी तैयारियों के बीच लोधेश्वर मेला आज से

By Edited By: Published: Sun, 13 Jul 2014 12:49 AM (IST)Updated: Sun, 13 Jul 2014 12:49 AM (IST)
अधूरी तैयारियों के बीच लोधेश्वर मेला आज से

रामनगर (बाराबंकी) : लोधेश्वर महादेवा में रविवार से सावन मेला शुरू होगा। मेला की तैयारी व्यवस्था में काम शुरू है। उत्तर भारत के महातीर्थ लोधेश्वर महादेवा में सावन मास भर अनवरत श्रद्धालुओं का आगमन होता रहेगा। लाखों आगंतुक नर-नारी शिवभक्तों के लिए मेला क्षेत्र में विशेष व्यवस्था किए जाने के जिलाधिकारी योगेश्वर राम मिश्र के सख्त निर्देशों पर सफाई, हाईमास्ट लाइट मरम्मत व अभरन तालाब में विद्युत सप्लाई के भरोसे पानी भरने का काम कच्छप गति से काम हो रहा था। मौजूद मिले नलकूप चालक दयानंद, विश्वनाथ शुक्ल, तुलसीराम मौर्य, राकेश कुमार मिश्र आदि ने बताया कि जनरेटर मंगाया गया है उसी से पानी भरवाया जाएगा। फिलहाल अल्पजल में श्रद्धालु स्नान करके लोधेश्वर की असीम अनुकंपा लिए अभरन पर भूतभावन का जलाभिषेक करने की तैयारी करते दिखे। अभी बल्ली लगा कर बैरीकेडिंग कार्य चल रहा था। रामनगर केसरीपुर मोड़ गेट के पास लगा हैंडपंप खराब पड़ा है। यहां मेला आने जाने वाले लाखों शिवभक्तों का जमावड़ा आते-जाते दिखता है। यहां एक हैंडपंप और लगाए जाने की लोगों ने आवश्यकता जताई है। महादेवा के विश्व कल्याण द्वार से बम्हनी तक मार्ग प्रकाश के लिए बल्ली गाड़कर अस्थाई लाइट की व्यवस्था की गई है। मेला में आने वालों के लिए वर्षा, धूप से बचाने के लिए कोई अतिरिक्त वाटर प्रूफ टेंट नहीं लगाए गए हैं। रैनबसेरों में अभी भी कौशल विकास प्रशिक्षण वालों का जमावड़ा है। रामनगर-केसरीपुर से महादेवा तक जाने वाले मार्ग के निर्माण की अनियमितता की भेंट चढ़े फुटपाथ के इंटरलॉकिंग की मरम्मत तक नहीं कराई गई है। सोमवार को विशाल जनसैलाब के आने पर जो परेशानी का सबब बनेगा। फिलहाल अधूरे काम अभी पूरी नहीं हो सके हैं और अस्थाई शौचालय तक नहीं बने हैं। फिलहाल शाम को डीएम फिर महादेवा पहुंच कर निरीक्षण करेंगे। इस सख्त कदम के चलते लोग काम करते दिखे हैं।

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सावन मास में शिवार्चन का विशेष महत्व

रामनगर : रति की तपस्या पर भस्म कामदेव को पुनर्जीवन प्राप्ति से तप्तधरा की क्षुधा मिटाने के लिए वृष्टि हुई और चर-अचर में नए प्राण एवं जीवन धारण करके नवसृष्टि की उत्पत्ति को सावन की हरियाली के रूप में देखा जा रहा है इसीलिए नवसंचार की कामनाओं से अभिभूत प्राणीमात्र शिवार्चन, तर्पण जलाभिषेक व पूजन करने का बड़ा महात्म मानते आ रहे हैं। सावन मास भर शिव के पूजन को बड़ा उत्सव माना जाता है।


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