तबादले के बाद भी जमे डीपीआरओ कार्यालय में बाबू
बाराबंकी : जिला पंचायत राज कार्यालय में वर्षों से जमे लिपिकों को सितंबर 2016 में हटाया गया था। कागजी
बाराबंकी : जिला पंचायत राज कार्यालय में वर्षों से जमे लिपिकों को सितंबर 2016 में हटाया गया था। कागजी कार्रवाई तो हुई, लेकिन कोई भी कर्मचारी कार्यालय छोड़कर नहीं गया। इन लिपिकों को इसलिए हटाया गया था कि वर्षों से एक ही जगहों पर तैनाती से विभाग के काम में तेजी नहीं आ रही थी।
जिला पंचायत राज विभाग के कार्यालय में सिर्फ एक एकाउंटेंट और एक लिपिक ही है। यहां खाली पड़े पदों पर एडीओ पंचायत और सेक्रेट्री बाबू का काम कर रहे थे। इनका समय क्षेत्रों में कम जबकि कार्यालय में अधिक रहा। यह कर्मचारी अपने अधिकारियों का कहना भी नहीं मान रहे थे। इसको लेकर सितंबर 2016 में कर्मचारियों की कार्यालय से छुट्टी कर दी गई थी। जिसमें सफाई कर्मी स्थापना देख रहे सेक्रेट्री अभय कुमार शुक्ला को विकास खंड ¨नदूरा भेज दिया था। इनकी जगह पर सेक्रेट्री कमल किशोर की तैनाती दी गई थी। एडीओ पंचायत पूरेडलई नरेंद्र कुमार कार्यालय में योजना देख रहे थे। जिन्हें हटाकर सिद्धौर ब्लॉक का एडीओ पंचायत बनाया गया था। सिद्धौर में तैनात पंचायत सचिव बृजेश कुमार को योजना पटल की जिम्मेदारी दी गई थी। पंचायत उद्योग मसौली में तैनात कर्मचारी मनीष वर्मा भी डीपीआरओ कार्यालय में सफाई कर्मी स्थापना देख रहे थे। जिन्हें मूल स्थान पर भेज दिया गया था। इनकी जगह पर पंचायत सचिव दिनेश कुमार को जिम्मेदारी दी गई थी। करीब 12 वर्षों से कार्यालय में तैनात सेक्रेट्री महेंद्र कुमार को हैदरगढ़ तबादला कर दिया गया था। इनकी जगह पर पंचायत सचिव निर्देश कुमार को जिम्मेदारी दी गई थी। यह कार्यवाही सिर्फ कागजों में की गई थी, हकीकत में जिन कर्मचारियों का तबादला हो गया था, वह आज भी जमे हुए हैं।
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डीपीआरओ कार्यालय से लंबे समय से कार्यरत कर्मचारियों का तबादला हुआ था। इस संबंध में मैं डीपीआरओ से बात करूंगा कि वे अब क्यों कार्यालय में तैनात है, इस संबंध में कार्रवाई की जाएगी। ''ऋषिरेंद्र कुमार, मुख्य विकास अधिकारी, बाराबंकी।
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अभय शुक्ला, मनीष वर्मा, महेंद्र कुमार, नरेंद्र कुमार का तबादला हो गया है। कभी कभार कार्यालय बुलाया जाता है। ''
हिमांशु शेखर ठाकुर, जिला पंचायत राज अधिकारी, बाराबंकी।