संभल कर चलिए, यहां पग-पग पर मौत का खतरा
बाराबंकी : सड़क पर संभल कर चलें। दरियाबाद से टिकैतनगर-भिटरिया मार्ग हो या फिर अलियाबाद, इन मार्गों पर
बाराबंकी : सड़क पर संभल कर चलें। दरियाबाद से टिकैतनगर-भिटरिया मार्ग हो या फिर अलियाबाद, इन मार्गों पर पग-पग मौत का खतरा है। कब कौन आपके वाहन के सामने आ जाएगा यह कहना मुश्किल है। ऐसे में आपकी कीमती ¨जदगी खतरें में पड़ सकती है। कारण है कि सड़क से जुड़े गांव के संपर्क मार्गों के दोनों कोने अतिक्रमण की चपेट में हैं। अतिक्रमण के कारण अंधे बने मोड़ों से कभी भी मौत बन वाहन सामने आ सकता है। एटा में हुआ ह्रदय विदारक हादसे का कारण अंधा मोड़ ही बना। कोहरे में अचानक गांव से निकल सड़क पर आए साइकिल सवार दो बच्चों को बचाने के चक्कर में स्कूल बस ट्रक से भिड़ी। जिसमें दर्जन भर मासूमों की जाने चली गई।
सड़क की पटरियां अतिक्रमण के कब्जे में हैं। गांव के किनारे इस कदर अतिक्रमण है कि गांव का रास्ता दिखाई नहीं पड़ता है। गांव के रास्ते सड़क पर कौन आ जा रहा है, सही से सड़क पर चल रहे वाहन चालकों को दिखाई नहीं देता। जिसके कारण हादसे दर हादसे होते हैं। रामपुर, गोकुला, मुरारपुर, जेठौती कुर्मियान, रेलवे स्टेशन, मथुरा नगर, मीन नगर, जलपापुर आदि जगहों के मोड़ अतिक्रमण से अंधे हैं। अभी एक सप्ताह पूर्व लालगंज में साइकिल व दुग्ध वाहन की आमने सामने की भिड़ंत हुई। अचानक वाहन के सामने आए एक युवक को बचाने के चक्कर में साइकिल सवार की जान चली गई। मथुरा नगर नहर मोड़ पर अतिक्रमण के चलते दर्जन भर लोग घायल हो चुके हैं। अभी पिछले वर्ष बोलेरो व ट्रैक्टर की टक्कर में दो लोग अपनी जान गवां चुके और दर्जन भर घायल हुए थे। हर मार्ग पर टैक्सी से लेकर विभिन्न स्कूलों के करीब दो दर्जन वाहन मासूमों को लेकर आवागमन करते हैं। हर वक्त दुर्घटना का भय लगा रहता है।
इनसेट-ताक पर नियम, क्षमता से अधिक बच्चे
स्कूल वाहन नियम कानून की धज्जियां उड़ाते हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूद कई स्कूल संचालक खटारा वैन, मैजिक व ई-रिक्शा से बच्चों को लाते ले जाते हैं। जिन स्कूलों के पास बसें हैं, उनमें भी क्षमता से अधिक बच्चों को ढोया जा रहा है।
15 किलोमीटर में एक भी स्पीड ब्रेकर नहीं
15 किलोमीटर दूरी के टिकैतनगर-भिटरिया मार्ग पर दर्जनों चौराहे हैं। इस मार्ग से लगभग बीस गांव के रास्ते जुड़े हैं। स्कूल अस्पताल सहित कई दफ्तर हैं। जहां पर भारी भीड़ रहती है। ऐसे में चौड़ी सड़क पर फर्राटा भरते वाहनों से खतरा रहता है। परंतु कहीं पर एक भी स्पीड ब्रेकर नहीं बनाया गया है। यही हाल सफदरगंज, अलियाबाद, बारिनबाग मार्ग का भी है।
नहीं लगे संकेतक
टिकैतनगर भिटरिया मार्ग चौड़ीकरण हुए एक वर्ष से अधिक हुए लेकिन किसी भी मोड़ पर संकेतक नहीं लगाए जा सके। एक रेलवे क्रा¨सग, शारदा सहायक नहर सहित कल्याणी नदी पुल व कई माइनर पड़ते हैं। लेकिन कहीं भी संकेतक बोर्ड नहीं लगाए जा सके। जिससे वाहन चालक अपने वाहन को कंट्रोल कर सकें।