सूची से उड़ा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का नाम
बाराबंकी : आजादी की लड़ाई लड़ने वाले सिद्धौर ब्लॉक के शेखपुर निवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उमाशंकर
बाराबंकी : आजादी की लड़ाई लड़ने वाले सिद्धौर ब्लॉक के शेखपुर निवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उमाशंकर मिश्र का नाम इंटरनेट की सूची उड़ गया है। नाम शामिल करने के लिए पौत्र राम प्रकाश ने डीएम को पत्र दिया है।
रामप्रकाश का कहना है कि बाबा रमाशंकर का जन्म 14 जनवरी 1910 को हुआ था। मिडिल तक पढने के बाद उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर नहीं मिल सका। 14 वर्ष की उम्र में विवाह हो गया था। उस समय अंग्रेजी हुकूमत के विरुद्ध कांग्रेस का आंदोलन तेज हो चुका था। गांधी दर्शन से प्रभावित होकर वह कांग्रेस से जुड़ कर 1928 में कांग्रेस असंद्रा मण्डल के अध्यक्ष बनाए गए। स्वतंत्रता आंदोलन के अग्रणी नेता सत्यप्रेमी से मिले तो सक्रियता और बढ़ गई। वर्ष 1938 में वह इस जिले में कांग्रेस सेवा दल के अध्यक्ष मनोनीत किए गए। वर्ष 1941 में व्यक्तिगत सत्याग्रह के कारण एक वर्ष का कठोर कारावास व 100 रूपए अर्थ दंड की सजा मिली। 9 अगस्त 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन में 14 माह का कठोर कारावास हुआ। स्वतंत्रता संग्राम की सफल पूर्णाहुति के बाद आजादी मिलने पर चित्रकूट में चिर स्मरणीय उत्सव का आयोजन किया गया। वर्ष 1952 में बाबा उमाशंकर मिश्र हैदरगढ़ विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए। बाद में भूदान समिति का संयोजक और जिला निर्माण और शिक्षा समिति के अध्यक्ष भी रहे। 21 अक्टूबर 1994 को यह सेनानी हमेशा की खातिर भारत माता की गोदी में सो गया। परिवार के पास ताम्रपत्र भी है जिसे तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने दिया था।