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पुत्र की दीर्घायु के लिए माताओं ने रखा व्रत

बाराबंकी: पुत्र की दीर्घायु एवं सलामती के लिए माताओं ने मंगलवार को हलछठ का व्रत रखकर पूजा की। घरों म

By Edited By: Published: Wed, 24 Aug 2016 12:22 AM (IST)Updated: Wed, 24 Aug 2016 12:22 AM (IST)
पुत्र की दीर्घायु के लिए माताओं ने रखा व्रत

बाराबंकी: पुत्र की दीर्घायु एवं सलामती के लिए माताओं ने मंगलवार को हलछठ का व्रत रखकर पूजा की। घरों में हलछठ देवी का चित्र दीवार पर भैंस के गोबर से बनाने के बाद पूजा की। मान्यता है कि इस पूजा से पुत्र को लंबी उम्र मिलती है और उन्नति होती है।

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जिन महिलाओं को पुत्र नहीं होता वह हलछठ के दिन पुत्र प्राप्ति की कामना भी करती हैं और पुत्र रत्न की प्राप्ति के बाद घर में हलछठ देवी की स्थापना करके विधि-विधान से पूजा करती हैं। हलछठ के दिन भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम का जन्म होने का उत्सव भी मनाया जाता है। बलराम जी का अस्त्र हल था। इसलिए पूजा करने वाली माताएं हल से जोती-बोई गई फसलों का सेवन नहीं करतीं। स्वत: पैदा होने वाले लाल रंग के पसाढ़ी चावल का भात दही के साथ सेवन करती हैं। भीट में पैदा होने वाली सब्जियां, कुंदररू, परवल का भी सेवन इस व्रत में किया जाता है। घर-घर में मंगलवार को यह पूजा विधि-विधान से की गई। इस बार प्राथमिक विद्यालयों में महिलाओं को अवकाश भी नहीं मिला जिसके चलते महिला शिक्षिकाओं को पूजा में दिक्कत भी हुई।


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