करोड़ों खर्च के बाद भी नहीं तर हो सके ग्रामीणों के हलक
सुबेहा (बाराबंकी): करोड़ों खर्च के बाद भी नहीं तर हो सके ग्रामीणों के हलक। सात वर्ष पूर्व करोड़ों की ध
सुबेहा (बाराबंकी): करोड़ों खर्च के बाद भी नहीं तर हो सके ग्रामीणों के हलक। सात वर्ष पूर्व करोड़ों की धनराशि से बनाई गई जगदीशवापुर गांव में पानी की टंकी से बमुश्किल एक बार टोंटी से पानी निकला लेकिन मामूली तकनीकी खराबी के चलते नहीं मिल पा रहा पानी।
जगदीशवापुर गांव में विगत 2008 में तत्कालीन ग्राम प्रधान जुनेद अहमद के प्रयास से गांव में जलनिगम द्वारा पानी की टंकी का निर्माण कराया गया था। इस ग्रामसभा में लगभग छह हजार की आबादी है। इस ग्रामसभा में जगदीशवापुर, किश्तीनगर, रसूलपुर, मेहदिया व इमामअली का पुरवा गांवों में इस पानी टंकी से लेकर गांवों तक पाइप का जाल बिछा हुआ है लेकिन गांवों में पानी पीने को नसीब नहीं हो पा रहा है। सुरेंद्र ¨सह, कमरुद्दीन, अलीम अहमद, श्याम ¨सह, नियाज कलीम, रईस, गंगाराम, सुशील दुबे, जय¨सह सहित तमाम ग्रामीण कहते हैं कि जनप्रतिनिधि भी इस ओर ध्यान नहीं देते।