डेयरी विकास बोर्ड का बाराबंकी में बीज उत्पादन केंद्र
बाराबंकी: हरे चारे से श्वेत क्रांति लाने की दिशा में एक नई पहल शुरू की गई है। राष्ट्रीय डेयरी विकास
बाराबंकी: हरे चारे से श्वेत क्रांति लाने की दिशा में एक नई पहल शुरू की गई है। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड ने हरे चारे की कई प्रजातियों के बीजों के उत्पादन के जिले के त्रिवेदीगंज ब्लॉक में खनऊ-सुल्तानपुर मार्ग पर स्थित दहिला में बीज उत्पादन विधायन एवं विपणन इकाई संचालित की है। बीज उत्पादन में आसपास के गांवों के किसान कर रहे हैं।
इस प्रयोग से श्वेत क्रांति लाने का मंसूबा बनाया जा रहा है। इस इकाई को लखनऊ दुग्ध संघ से संबद्ध किया गया है। हरा चारा खिलाने से न सिर्फ पशुओं की सेहत अच्छी रहती है बल्कि दूध अधिक और गुणवत्तापरक होता है। प्लांट के तकनीकी सुपरवाइजर मो. वकार ने बताया कि लखनऊ दुग्ध संघ के साथ बीज प्रमाणीकरण संस्था की देखरेख में किसानों के खेतों में खरीफ की फसल में 25 एकड़ ज्वार व आठ एकड़ रकबे में बाजरा की बोआई की गई थी। ज्वार नीलगायों ने चर ली थी इसलिए ज्वार की पैदावार बहुत कम हुई, बाजरा 27 ¨क्वटल निकला। पहली बार के अनुभव को देखते हुए नीलगायों से भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कराए गए हैं। रबी की फसल में 51 किसानों के खेतों में 75 एकड़ रकबे में जई व 16 एकड़ रकबे में बरसीम की बोआई कराई गई। 900 ¨क्वटल जई व 30 ¨क्वटल बरसीम के बीज उत्पादन का लक्ष्य है। ज्वार, बाजरा, जई व बरसीम के अलावा लोभिया व मक्का के बीजों का उत्पादन भी कराया जाएगा।
इस बार गंगापुर के मनोज वर्मा, राम प्रताप व अमरिका तथा दहिला के भगौती आदि किसानों के खेतों में जई की बोआई कराई गई है। किसानों के खेतों में पैदा होने वाला बीज खरीदकर उसका शोधन करके बेचा जाएगा।