तालाबों की खोदाई में फर्जीवाड़ा देखने की फुर्सत किसे
बाराबंकी): हरख ब्लॉक में मनरेगा मद से तालाबों की खोदाई कार्य में लूट मची है। किसी अधिकारी के पास गां
बाराबंकी): हरख ब्लॉक में मनरेगा मद से तालाबों की खोदाई कार्य में लूट मची है। किसी अधिकारी के पास गांवों में जाकर कार्यों की हकीकत देखने की फुर्सत नहीं है। शायद इसी कारण कार्यों में कदम-कदम पर फर्जीवाड़ा बढ़ रहा है।
76 ग्राम पंचायतों वाले ब्लॉक क्षेत्र के गांवों में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी मनरेगा अधिनियम से तालाबों की खोदाई, बांध निर्माण व खेतों के समतलीकरण का कार्य वृहद स्तर पर कराया जा रहा है। कार्यों के नाम पर एक करोड़ के आसपास धन खर्च हो चुका है। कार्यों की हालत खाता न बही जो कर्मचारी, प्रधान व सहायक तकनीकी कहे अधिकारी वही सही मान रहे हैं।
नजीर के तौर पर ग्राम पंचायत तमरसेपुर व अब्दुल्लापुर में खोदाए जा रहे तालाबों को ले लीजिए। तमरसेपुर में पुराने तालाब को नए सिरे से खोदवाया जा रहा है तो अब्दुल्लापुर में तीन लाख से अधिक धन का स्टीमेट बना दिया गया है। यहां ग्रामीणों ने कर्मचारियों के निर्णय पर सवाल उठाए लेकिन वह दबा दिए गए। क्योंकि जो सिस्टम चलाया जा रहा है उसके आगे मानक फेल कर दिए गए हैं। प्रधानों के शपथ ग्रहण के साथ ही संगठित और असंगठित पंचायतों में तेजी से तालाब खोदवाए जा रहे हैं इन्हें देखने का किसी भी जिम्मेदार अधिकारी के पास वक्त नहीं है। कुछ अधिकारी प्रदेश की राजधानी में रहकर हरख ब्लॉक के गांवों में विकास कार्यों का पैमाना नाप रहे हैं।
ई पेमेंट व्यवस्था से श्रमिक बेहाल
सतरिख: एसएमएस से श्रमिकों का भुगतान उनके लिए बड़ी मुसीबत बना है। कार्य करने के महीनों बाद तक भुगतान नहीं मिल पाता है। मजदूरी के लिए श्रमिक प्रधानों को घेरते रहते हैं। तमरसेपुर में श्रमिकों को भुगतान कब होगा? कुछ तय नहीं है।
'धौरहरा ग्राम पंचायत में बांध का निर्माण सहित कुछ अन्य गांवों में जाकर कार्य देखे हैं। श्रमिकों को भुगतान हमारे स्तर से विलंब नहीं होता। एसएमएस करता हूं। उसमें दिक्कतें आती हैं।'
उमाशंकर ¨सह
खंड विकास अधिकारी
हरख बाराबंकी: