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लखनऊ-बाराबंकी पुलिस मिलकर खोलेगी लूट की वारदात

बाराबंकी: लखनऊ के भारतीय स्टेट बैंक में दिनदहाड़े गार्ड की हत्या कर 40 हजार की लूट व बाराबंकी में पेट

By Edited By: Published: Mon, 23 Nov 2015 11:40 PM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2015 11:40 PM (IST)

बाराबंकी: लखनऊ के भारतीय स्टेट बैंक में दिनदहाड़े गार्ड की हत्या कर 40 हजार की लूट व बाराबंकी में पेट्रोल पंप पर कैश वैन के गार्ड को गोली मारकर 21 लाख लूटने का प्रयास करने सनसनीखेज वारदात पुलिस महकमें के लिए चुनौती बन गई हैं। दोनों वारदातों में कुछ समानताएं देखते हुए सोमवार को लखनऊ के एसपी क्राइम व एसपी टीजी और बाराबंकी एसपी अपनी-अपनी क्राइम ब्रांच टीम के साथ लखनऊ के चिनहट कोतवाली में बैठक की और बैंक में जाकर जांच पड़ताल की।

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कोतवाली नगर अंतर्गत हाईवे पर गत 18 नवंबर को दिन दहाड़े बाइक सवार बदमाशों ने कैश वैन के गार्ड को गोली मारकर मेजर पेट्रोल पंप का करीब 21 लाख रुपये लूटने का प्रयास किया। बदमाश नकदी लूटने में असफल रहे और गार्ड की बंदूक लूटकर फरार हो गए। दो दिन बाद ही 21 नवंबर को लखनऊ के चिनहट अंतर्गत भारतीय स्टेट बैंक में घुसे करीब आधा दर्जन बदमाशों ने एक गार्ड को गोली मारकर करीब 40 लाख रुपये लूट लिए। इस वारदात में गार्ड की मौत हो गई। इन दोनों वारदातों ने पुलिस की नींद उड़ा रखा है। दोनों ही वारदातों में कुछ सामान्यताएं देखते हुए एसपी क्राइम ज्ञान प्रकाश चतुर्वेदी, एसपी टीजी जय प्रकाश, एसपी बाराबंकी अब्दुल हमीद, सीओ क्राइम विशाल विक्रम ¨सह, एसओ जैनुद्दीन अंसारी व दोनों जिलों की क्राइम ब्रांच ने सोमवार को चिनहट कोतवाली में बैठक की। करीब एक घंटे तक चली बैठक में दोनों जिलों की टीम ने वारदात संबंधित जानकारी अदान प्रदान की। इसके उपरांत पूरी टीम एसबीआई की उस शाखा में पहुंची जहां गार्ड की हत्या कर नकदी छीनी गई थी। पुलिस के पास मौजूद कुछ अपराधियों की फोटो दिखाकर ग्राहकों से बदमाशों की शिनाख्त का प्रयास किया गया। गौरतलब है कि दोनों ही वारदातों में लुटेरों ने हड़बड़ाहट में अंजाम दिया। पेट्रोल पंप पर जल्द बाजी में नकदी ले जाने में ही नाकाम रहे वहीं बैंक में मात्र 40 हजार ही ले जा सके। दोनों वारदातों में सबससे पहले गार्ड निशाना बनाए गए। दोनों ही वारदातों को अंजाम देने वाले बदमाश बाइक सवार थे और एक-एक लुटेरे ने हेलमेट पहन रखा था।

हालांकि दोनों ही मामलों में पुलिस अभी तक खाली हाथ है। बैठक में गत 3-4 माह के दौरान जेल से रिहा हुए लटेरों पर निगरानी करने व उन्हें दोबारा जेल की सलाखों के पीछे भेजे जाने की रणनीति तैयार की गई है।


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