सिपाही-वादी ने मिलकर रची, सुभाष को फंसाने की साजिश!
बाराबंकी : देवा पुलिस की अभिरक्षा में हुई बाइक चोरी के आरोपी सुभाष की मौत भले ही आत्महत्या से हुई हो
बाराबंकी : देवा पुलिस की अभिरक्षा में हुई बाइक चोरी के आरोपी सुभाष की मौत भले ही आत्महत्या से हुई हो लेकिन इस वारदात का मुख्य सूत्रधार माती चौकी पर तैनात एक बहुचर्चित सिपाही बताया जाता है। इस सिपाही ने मोटर साइकिल मालिक के साथ मिलकर सुभाष को फर्जी मामले में फंसाने का तानाबाना बुना था। यदि सिपाही यह कृत्य न करता तो इतनी बड़ी वारदात की दास्तां ही न लिखी गई होती।
अलीपुर माती क्षेत्र में एक किराए के मकान में रहने वाले रियाज अहमद की मोटरसाइकिल चोरी का मुकदमा गत तीन जून 2015 को दर्ज किया गया था। इस मुकदमे की विवेचना कर रहे उपनिरीक्षक जेपी यादव ने 30 अगस्त दिन रविवार को सवा तीन बजे सुभाष को बाइक समेत गिरफ्तार कर 4 बजकर 20 मिनट पर कोतवाली देवा में दाखिल किया था। कोतवाली के हवालात में सुभाष ने देर शाम फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। जैसे तैसे पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर लखनऊ ले जाकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया। घटना से उपजे गुस्से से आधा दर्जन गांव के ग्रामीणों ने माती चौकी पर हमला व आगजनी कर महत्वपूर्ण दस्तावेज और तीन मोटरसाइकिलें फूंक दी। इस सनसनीखेज वारदात के कारणों पर गहराई से नजर डाली जाए तो असल दोषी बेनकाब हो जाएंगे। दरअसल रियाज अहमद जिसकी मोटरसाइकिल चोरी होना बताया जाता है वह कबाड़ का व्यापारी है जो पिछले चार वर्षों से माती में कारोबार कर रहा है। वह मूल रूप से बहराइच का निवासी बताया जाता है। विभागीय सूत्रों के अनुसार सुभाष चोर प्रवृत्ति का था और पहले भी लखनऊ पुलिस उसे चोरी के मामलों में जेल भेज चुकी थी। क्षेत्र में व आसपास चोरी के बाद सुभाष रियाज को ही सामान बेच देता था जिसके हजारों रुपये रियाज ने सुभाष को भुगतान नहीं किए थे। इसके चलते दोनों में कहासुनी हो गई और सुभाष ने उसकी मोटरसाइकिल जबरन ले ली थी। इसके बाद रियाज ने चौकी के एक सिपाही से इस घटना की चर्चा कर सुभाष से मोटरसाइकिल ले लेने और उसके बकाए रुपये न देने की साजिश रच डाली। रियाज की तरफ से सुभाष पर मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने उसे वाहन सहित गिरफ्तार कर अपना गुडवर्क दिखाना चाह रही थी लेकिन गुडवर्क की यह चाह इतने बड़े बैडवर्क में बदल जाएगी किसी ने सोचा न होगा।
रियाज गायब : माती कांड के बाद से बाइक चोरी का वादी मुकदमा रियाज स्वयं गायब है। पड़ोसियों का कहना है कि वह घटना के बाद से गायब है। रियाज यहां करीब चार वर्षों से किराए के मकान में रह रहा है।
दलाली भी करता था रियाज : जमीन खरीदवाने व बिकवाने के लिए बदनाम माती पुलिस के लिए रियाज दलाली का काम भी करता था। यही कारण है कि माती चौकी इंचार्ज हो अथवा अन्य पुलिस कर्मी उसके पक्ष में कार्रवाई करते हुए इतनी तेजी दिखाई। रियाज की पुलिस से निकटता सुभाष के लिए जानलेवा साबित होगी यह शायद उसने सोचा न होगा।