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बिजली कटौती व बढ़ते पारे से बेहाल है लोग

बाराबंकी : मई माह की तपिश ऊपर से हो रही घंटों बिजली कटौती से लोग बेहाल है। फैजाबाद के सोहावल के उपके

By Edited By: Published: Mon, 25 May 2015 12:22 AM (IST)Updated: Mon, 25 May 2015 12:22 AM (IST)
बिजली कटौती व बढ़ते पारे से बेहाल है लोग

बाराबंकी : मई माह की तपिश ऊपर से हो रही घंटों बिजली कटौती से लोग बेहाल है। फैजाबाद के सोहावल के उपकेंद्र से जिले की बिजली जोड़े जाने के बाद बिजली संकट जिले में बढ़ गया है। लो वोल्टेज के कारण न तो पंखे चल पा रहे है और न कूलर चल रहे है। चिपचिपाती गर्मी में लोग परेशान है। रविवार को अधिकतम तापमान 44.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया तो वहीं न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस रहा।

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लो वोल्टेज ने बढ़ाई समस्या : सोहावल उपकेंद्र से बिजली आपूर्ति दिए जाने के कारण सबसे बड़ी समस्या जिले में लो वोल्टेज की है। घरों में लगे सीएफएल टिमटिमा रहे है। न तो पानी भरने के लिए मोटर पंप चल रहे है और न ही कमरों में लगे पंखे व कूलर। जिसके कारण लोगो की दिनचर्या खासी प्रभावित है।

घंटो कटौती : शहर के लखपेड़ाबाग, बड़ेल, भीतरीपीरबटावन, सिविल लाइन, बंकी सहित अधिकांश जगहों पर घंटों कटौती की जा रही है। बिजली आने पर जहां लो वोल्टेज मिल रहा है। तो वही निर्धारित, लोकल व आकस्मिक कटौती का दंश उपभोक्ता भीषण तपिश में झेलने को विवश है।

उद्योग धंधे चौपट : बिजली कटौती से उद्योग धंधे भी चौपट है। सत्यप्रेमीनगर निवासी व्यापारी नेता कपिल जायसवाल का कहना है कि बिजली के ऊपर निर्भर अधिकांश धंधे वर्तमान समय में चौपट है। बिजली आती है तो वह भी लो वोल्टेज के कारण न के बराबर। रविनन खजांची व मनोज जायसवाल का कहना है कि अगर कटौती में सुधार न हो तो आमजन के साथ व्यापारी सड़क पर उतरकर आंदोलन करने का बाध्य होगा। समाजसेवी नवीन ¨सह राठौर का कहना है कि कम से कम जो रोस्टर निर्धारित है उस पर तो बिजली आपूर्ति दी जानी चाहिए। शिवम शुक्ला का कहना है कि बिजली विभाग के अधिकारी स्वयं जिले में रूकते नहीं है शाम होते ही अधिकांश अधिकारी लखनऊ चले जाते है इसलिए उन्हें यहां की समस्या के बारे में जानकारी नहीं मिलती है।

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चिनहट के ओवरलोड के चलते सोहावल से बिजली आपूर्ति जोड़ी गई है। लो वोल्टेज की समस्या से संबधित जानकारी उच्चाधिकारियों को दी गई है। लोकल कटौती से दिक्क्त न हो इसके लिए अधिशाषी अभियंता को निर्देश दिए गए है।


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