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मिट सकता है फाइलेरिया का नामोनिशान

बाराबंकी : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाटा बरौली की टीम ने शनिवार को दरामनगर गांव का भ्रमण कर फाइलेर

By Edited By: Published: Sat, 28 Mar 2015 11:43 PM (IST)Updated: Sat, 28 Mar 2015 11:43 PM (IST)

बाराबंकी : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाटा बरौली की टीम ने शनिवार को दरामनगर गांव का भ्रमण कर फाइलेरिया मुक्त अभियान को परखा। पड़ताल के दौरान टीम के सामने जागरूकता का अभाव अभियान की सफलता में रोड़ा बनते दिखा। दवाई मिलने के बाद भी दर्जनों लोग खुराक से वंचित थे। इसकी पुष्टि हुई। इससे टीम की परेशानियां और स्याह हो गई।

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सीएचसी अधीक्षक डॉ. राजकुमार ने सुपरवाइजर र¨वद्र कुमार, एएनएम नीतिका तिवारी व आशा कार्यकत्री आरती देवी के साथ दरामनगर गांव पहुंचे। गांव भ्रमण के दौरान बहोरीलाल ने बताया कि फाइलेरिया की दवा के साथ पेट में कीड़े मारने की दवाई मिली थी लेकिन वह उसे खाना भूल गए। ऐसी ही बात जगदेव शर्मा के घर की महिलाओं सहित कुछ अन्य ने बताईं। अधीक्षक ने पुन: अपने सामने युवकों व महिलाओं में दवाई का वितरण कराया। सभी से हर हाल में खुराक लेने की अपील की। डॉ. राजकुमार ने बताया कि यदि वर्ष में एक बार फाइलेरिया और छह माह में कीड़े मारने वाली दवाई की खुराक ले ली जाए जो फाइलेरिया के साथ ही पेट संबंधी समस्या से निजात संभव है।


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