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फसल बरबाद होने से आहत किसान की मौत

बाराबंकी : बरसात व ओलावृष्टि से गेहूं व सरसों की फसल खराब हो गई। आलू पर मंदी की मार के चलते खरीददार

By Edited By: Published: Fri, 27 Mar 2015 11:51 PM (IST)Updated: Fri, 27 Mar 2015 11:51 PM (IST)
फसल बरबाद होने से आहत किसान की मौत

बाराबंकी : बरसात व ओलावृष्टि से गेहूं व सरसों की फसल खराब हो गई। आलू पर मंदी की मार के चलते खरीददार नहीं मिल रहे थे। ऐसे में बैंक से लिये गये ऋण की अदायगी का कोई आधार दिखाई नहीं दिया। परिवार चलाने की भी समस्या अलग थी। इन हालातों के चलते फतेहपुर विकास खंड के ग्राम सरसवां निवासी किसान करीब 46 वर्षीय अखिलेश वर्मा पुत्र जगदीश की हृदयाघात से मौत हो गई। प्रशासन से मदद की गुहार लगाते हुए परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया। मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने आश्वासन दिया तब घर वाले अंतिम संस्कार को राजी हुए।

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अखिलेश वर्मा की करीब चार बीघा गेहूं व सरसों की फसल बरसात के चलते खराब हो गई। उसने इतने ही रकबे में आलू की फसल भी बो रखी थी। बरसात होने से आलू की फसल को भी नुकसान पहुंचा। मगर किसी तरह आलू खोदकर 30 बोरी आलू कोल्ड स्टोर में रखा था। अखिलेश को उम्मीद थी कि आलू इस बार अच्छे भाव में बिकेगा क्योंकि लागत भी ज्यादा आई थी। फसल के लिए उसने ग्रामीण बैंक शाखा सरसवां से करीब 63 हजार रुपये ऋण लिया था जो ब्याज सहित करीब 70 हजार रुपये चुकाना था। फसल खराब होने के कारण अखिलेश को ऋण की अदायगी की सबसे ज्यादा ¨चता थी। इसके साथ ही आगे घर की गृहस्थी चलाने के लिए भी वह आर्थिक समस्या को लेकर ¨चतित था। पत्नी फूलमती उर्फ अनीता ने बताया कि गुरुवार को कोल्ड स्टोर से घर लौटकर आने के बाद हृदय गति रुकने से मौत हो गई।

दयनीय है परिवार की स्थिति: मृतक किसान अखिलेश के परिवार की स्थिति काफी दयनीय है। बड़ा बेटा सुमित मजदूरी करता है। मंझला बेटा विशाल बीए व छोटा बेटा सूरज इंटर का छात्र है। पत्नी फूलमती ने बताया कि फसल बर्बाद होने से अखिलेश अवसादग्रस्त रहते थे।

नहीं हुआ फसलों का सर्वे: सरसवां गांव निवासी मृतक किसान अखिलेश वर्मा के साथ ही अन्य किसानों की फसलों का भी किसी अधिकारी से सर्वे नहीं कराया गया। ग्रामीणों ने बताया कि हल्का लेखपाल से सर्वे के लिए कहा गया था लेकिन उन्होंने अनसुनी कर दी।

सड़ने लगा घरों में रखा आलू: अखिलेश वर्मा जैसे कई किसान हैं जिनके घरों में आलू खुदा हुआ रखा है। कोल्ड स्टोरों में रखने की जगह नहीं है। बैंक से कर्ज लेकर आलू की फसल बोने में जो धनराशि खर्च की उसकी भी भरपाई न होने से किसानों की नींद उड़ गई। सरसवां निवासी कृषक रघुराज ¨सह ने बताया कि उनका दो बीघे खेत का आलू घर में रखा हुआ है। न कोई खरीददार मिल रहे हैं और न ही कोल्ड स्टोर में रखने के लिए जगह ही। रामखेलावन ने बताया कि आलू किसी तरह कोल्ड स्टोर में रख दिया मगर अब उसको खरीदने वाले व्यापारी नहीं मिल रहे हैं। इससे बैंक का ऋण अदा करने के अलावा अन्य खर्चे चला पाना मुश्किल हो रहा है। माता प्रसाद, मिथलेश कुमार व नागेश कुमार भी आलू में हो रही सड़न और बैंक की कर्ज अदायगी को लेकर परेशान हैं।


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