मां गुरसेल पूरी करती मनोकामना
बाराबंकी : गुरसेल स्थित प्रसिद्ध गुरसेल माता का मंदिर भक्तों की आस्था का प्रतीक है। जिसका इतिहास काफ
बाराबंकी : गुरसेल स्थित प्रसिद्ध गुरसेल माता का मंदिर भक्तों की आस्था का प्रतीक है। जिसका इतिहास काफी पुराना है। बुजुर्गों के मुताबिक यह मंदिर करीब ढाई सौ वर्ष पूर्व बना था।
बताते है कि माता की मंदिर पहले लखौड़ी ईंट से बना था। पूर्व में जमींदार द्वारा विशाल मंदिर की स्थापना की गई। फतेहपुर तहसील से करीब पांच किलोमीटर की दूरी पर गुरसेल गांव में पूर्णमासी व सोमवार और शुक्रवार को गुरसेल माता का भव्य मेला लगता है। जिसमे काफी दूर-दूर से लोग आते है। पुजारी रामपाल कहते है कि वे स्वयं 42 वर्षों से माता की सेवा में लगे है। यहां माता के चरणों में जो भक्त आता है मातारानी उसकी मनोकामनाएं पूर्ण करती है। नवरात्र के दिनों में मोहम्मदपुर खाला के सोनी परिवार द्वारा माता जी का भव्य श्रृंगार वर्षों से होता चला आ रहा है। मंदिर के प्रांगण में में भजन, कीर्तन, रामायण, सतसंग आदि का आयोजन होता रहता है। नवरात्र के दिनों में लाखों की संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन करने पहुंचते है। मान्यता है कि जो भी यहां लोग मनौती मांगते है वह माता पूरी करती है। मां गुरसेल के दर्शन करने जिले के अलावा लखनऊ, सीतापुर, बहराइच, गोंडा, कानपुर, उन्नाव, बलरामपुर, फैजाबाद से दर्शन करने भक्त निरंतर पहुंचते रहते है।