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हजारों बच्चों को बांटे गए मास्क

बाराबंकी : स्वाइन फ्लू से रोकथाम के उपायों के लिए निजी संस्थानों ने कदम बढ़ाए है। मंगलवार को नगर के

By Edited By: Published: Tue, 03 Mar 2015 11:39 PM (IST)Updated: Tue, 03 Mar 2015 11:39 PM (IST)
हजारों बच्चों को बांटे गए मास्क

बाराबंकी : स्वाइन फ्लू से रोकथाम के उपायों के लिए निजी संस्थानों ने कदम बढ़ाए है। मंगलवार को नगर के दो स्कूलों में एक हजार बच्चों को मास्क का वितरण किया गया। बीमारी के लक्षण बताने के साथ रोकथाम के उपाय भी बताए।

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केमिस्ट एसोसिएशन द्वारा स्वाइन फ्लू जागरूकता अभियान चलाया गया और नि:शुल्क मास्क वितरण किए गए है। मंगलवार की सुबह नौ बजे से मास्क वितरण कार्यक्रम बड़ेल डायट व रामसेवक मेमोरियल स्कूल सत्यप्रेमी नगर में किया गया। दोनों विद्यालयों में करीब एक हजार बच्चों को मास्क वितरण किए गए है। इस कार्यक्रम में औषधि निरीक्षक ओपी यादव द्वारा बच्चों को मुफ्त मास्क वितरण कर स्वाइन फ्लू बीमारी के लक्षण एवं बचाव को लेकर सुझाव दिए। वितरण कार्यक्रम का संचालन सुशीला शर्मा ने किया और मास्क वितरण व्यापारी नेता राजीव गुप्ता द्वारा भी किया गया। इस मौके पर संजय शुक्ला, जितेंद्र ¨सह, विजय शुक्ला, राम सेवक यादव, बृजेश वैश्य, विकास गुप्ता, उमेश गुप्ता, राकेश वर्मा, अभिषेक आदि मौजूद रहे।

स्वाइन फ्लू का शिकार युवक : आवास विकास निवासी व्यवसायी व‌र्द्धमान जैन को स्वाइन फ्लू की पुष्टि के चलते निजी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है। व‌र्द्धमान को तीन दिन पूर्व तेज बुखार के साथ ही भयंकर कमजोरी महसूस हुई। दवाई खाने पर जब बुखार नही उतरा तो केजीएमसी लखनऊ में स्वाइन फ्लू की जांच कराई। जांच में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। निजी चिकित्सालय में इलाज चल रहा है।

रेफर सेंटर बना अस्पताल : स्वाइन फ्लू को लेकर विभाग द्वारा जिला पुरूष अस्पताल में स्वाइन फ्लू वार्ड की स्थापना कर दी गई थी। वार्ड में फिजिशियन डाक्टर रामचंदानी को तैनात किया गया था। वार्ड में संदिग्ध मरीज आने पर आशंका पर मेडिकल कालेज रेफर कर दिया जाता है। मंगलवार को देखा गया कि स्वाइन फ्लू वार्ड में ताला लटक रहा है। पूरा दिन ताला लगा रहा लेकिन चिकित्सकों द्वारा खोला नहीं गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी रवींद्र कुमार ने बताया कि वार्ड तभी ही खुलता है जब कोई संदिग्ध मरीज आ जाए। ऐसे वार्ड नहीं खोला जाता है। वैसे ही जिले में चिकित्सकों की कमी है इसलिए एक डाक्टर को वार्ड में नहीं बैठाया जा सकता है। बताते चले कि जिले में दो मरीज स्वाइन फ्लू के मिले थे जिसे लखनऊ रेफर कर दिया गया था।


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