घाघरा ने मचाई तबाही, डेढ़ सौ गांव बने टापू
बाराबंकी: घाघरा नदी में आयी भीषण बाढ़ के तांडव से करीब डेढ़ सौ गांव टापू बन गए हैं। सौ गांव जलमग्न होने से हजारों घरों में पानी भर गया है। करीब 50 हजार आबादी पशु बाढ़ की त्रासदी झेलने को मजबूर हैं। बाढ़ग्रस्त गांवों से सामान बाहर निकालने व आने-जाने के लिए नावों की लोगों को दरकार है। घाघरा का तेजी से भारी मात्रा में जलस्तर बढ़ता जा रहा है।
वर्ष 2009 में आयी बाढ़ के जलस्तर 107.556 मीटर की ओर तेजी से बढ़ता रविवार की शाम 107.366 मीटर पर पहुंचकर बढ़त बनाए रहा जो मात्र 19 सेंटीमीटर बढ़ना शेष है। राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों ओर पानी भरा है। गांवों को जाने वाले सभी मार्गो पर दो फिट तक पानी बहने के कारण आवागमन प्रभावित है। ग्रामीण तेजी से पशुओं व सामान के साथ तटबंधों, सड़कों के किनारे व ऊंची जगहों पर पहुंच रहे हैं। जिनको तिरपाल, पालीथिन की पन्नी की छावन के लिए तरस रहे हैं।
इनसेट- गांवों में भरा पानी :
रामनगर: घाघरा नदी की बाढ़ का पानी मीतपुर, मनीरामपुरवा, तपेसिपाह, जैनपुरवा, परसादीपुरवा, बुधईपुरवा, सिसौंडा, परशुरामपुर, ठेकेदारपुरवा, लहड़रा, मड़ना, केसईपुरवा, मथुरापुरवा, जंगू सिंह पुरवा, नरौनापुरवा, खुर्दा, नामीपुर सिरौली, चेतरामपुरवा, देवरिया, हरिनारायणपुर, ऐमा, लोहटीजई, लोहटीपसई, परधानपुरवा, लोधनपुरवा, मीतपुर, गोबरहा, पांचूपुरवा, रजनापुर, करसाकलां, पुरैना, रतन जैतपुर, फरही, भिटौली, मथुरा, करमुल्लापुर, जानकीपुरवा, इब्राहीमपुर, गुरुबख्शगंज, भैरमपुर, बसंतपुर मंझारा, बेहटा तमस्सेपुर, कुड़ीन, खुज्झी, मोहड़िया, चाइनपुरवा, पर्वतपुर, बल्लोपुर, गायघाट, प्रधानपुरवा, कचनापुर, उधिया, बाबापुरवा, जमका, बिघौली, रैकोलवा, फाजिलपुर, परसुरामपुर सहित एक सौ से अधिक गांवों में पानी भर जाने से जनजीवन अस्त-व्यस्त है।
इनसेट- जलमग्न है प्रमुख मार्ग :
रामनगर: घाघरा नदी की बाढ़ का पानी करसा-पुरैना मार्ग, फरही मार्ग, भैरमपुर-भिटौली मार्ग, भैरमपुर-करौता मार्ग, लालपुर-हेतमापुर मार्ग, गनेशपुर मोड़ से जाने वाले लकड़मंडी गनेशपुर, राष्ट्रीय राजमार्ग से जाने वाले तपेसिपाह-सिसौंडा-नामीपुर सिरौली मार्ग, लहड़रा मार्ग, दुर्गापुर मार्ग, मड़ना मार्ग, मीतपुर-गोबरहा-महादेवा मार्ग, पांचूपुरवा मार्ग सहित तराई के प्रमुख मार्ग, रास्ते व गलियारे सब पर दो फिट पानी तीव्र गति से बहने के कारण आवागमन प्रभावित है। बाढ़ के पानी से कई दर्जन प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय जलमग्न हो गए हैं जिससे पढ़ाई कार्य बंद है। बाढ़ से बचाव कार्य के लिए रामनगर ब्लॉक परिसर में फतेहपुर से एक प्लाटून 12वीं बटालियन बाढ़ राहत पीएसी दल आकर ठहरा है। सोमवार से बचाव कार्य शुरू करेगा।
इनसेट- मकानों की छतों पर बैठे लोग :
रामनगर: घाघरा नदी की बाढ़ का पानी दुर्गापुर के घरों में भर जाने से कुछ पक्के मकानों की छतों पर, नीचे ईट लगाकर तख्त के ऊपर मिट्टी डालकर चूल्हा रखकर भोजन बनता रहा। डीएम योगेश्वरराम मिश्र ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण कर पीड़ितों को मदद का आश्वासन दिया। एसडीएम गरिमा स्वरूप ने बाढ़ पीड़ितों को पूड़ी सब्जी भिजवाने का कार्य शुरू कराया।
इनसेट- ग्रामीणों ने बचाया :
रामनगर: दुर्गापुर गांव से बाढ़ के छत्ता भर पानी में होकर गाय बाहर ले जा रहे 40 वर्षीय अमरेश वर्मा जब डूबने लगा तो बड़ी मशक्कत से पहुंचकर ग्रामीणों ने बचाया। पानी में होकर जा रही राजकिशोर यादव की बछिया नापी पीकर मरणासन्न हो गई। फोन से सूचना पाकर रामनगर पशु चिकित्सालय के उप मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. केसी त्रिपाठी द्वारा भेजे गए फार्मासिस्ट प्रमोद कुमार ने बछिया को दवाएं दीं। दुर्गापुर जा रही एक नाव जब पेड़ के नीचे से जा रही थी तो जान बचाने के लिए पेड़ से एक विशाल नाग नाव पर कूद पड़ा जिससे नाव पर बैठे लोगों ने पानी में कूदकर जान बचाई पर नाव डूब गई। महंत उदित नरायन दास ने बताया कि नया निर्माणाधीन तटबंध इस तीर्थ स्थान के उत्तर से बनाया जाए अन्यथा मंदिर में बाढ़ का पानी हमेशा भरा रहेगा जिससे आने वाले श्रद्धालुओं को बड़ी असुविधा होगी।
जनप्रतिनिधि भी पहुंचे : ग्राम्य विकास राज्यमंत्री अरविंद कुमार सिंह गोप रामनगर क्षेत्र के ग्राम भैरमपुर, इब्राहीमपुर, भिटौली, मथुरा, करमुल्लापुर, तपेसियाह, लहड़रा, सिसौड़ा में पहुंचे। मदद का आश्वासन दिया। सांसद प्रियंका सिंह रावत सिरौलीगौसपुर क्षेत्र के करौनी सहित बाढ़ प्रभावित कई गांवों में पीड़ितों का हाल लेने पहुंची। रामनगर तहसील क्षेत्र में खुर्दा, नामीपुर सिरौली, तपेसिपाह दुर्गापुर सहित में भी पहुंची। पूर्व सांसद डॉ. पीएल पुनिया ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का भ्रमण किया। पूर्व सांसद ने कहा कि पीड़ितों की मदद करने में लापरवाही बरती जा रही है।