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धरा को सजाती हैं बेटियां..

जागरण संवाददाता, बांदा : साहित्यकार समाजसेवी संस्थान द्वारा आयोजित मासिक साहित्यिक गोष्ठी में कई कवि

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Mar 2017 08:02 PM (IST)Updated: Tue, 28 Mar 2017 08:02 PM (IST)
धरा को सजाती हैं बेटियां..
धरा को सजाती हैं बेटियां..

जागरण संवाददाता, बांदा : साहित्यकार समाजसेवी संस्थान द्वारा आयोजित मासिक साहित्यिक गोष्ठी में कई कवियों द्वारा अपनी-अपनी रचनाएं प्रस्तुत की गई। कीर्ति निकेतन में आयोजित गोष्ठी की शुरुआत मां सरस्वती पर पुष्प व दीप अर्चन के साथ हुई। डॉ.भानुप्रताप ¨सह ने सुनाया कि परियों की तरह स्वर्ग से आती हैं बेटियां, आकर के धरा को सजाती हैं बेटियां। यहां अमरपाल ¨सह, मिथलेश मिश्र,आफताब मुस्तफा, जगदीश ¨सह यादव,चंद्रप्रकाश तिवारी, ठाकुरदास पंछी,धर्मपाल ¨सह सेंगर, चंद्रिका प्रसाद सक्सेना ने काव्यपाठ किया। संचालन कर रहे सुधीर खरे कमल के मुक्तक भी खूब सराहे गए। सुंदरलाल भार्गव ने हास्य कविताएं सुनाई जबकि रामबिहारीलाल निगम ने युवा पीढ़ी को अपना प्रेरक संदेश सुनाया।


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