सरेआम युवक की हत्या में आजीवन कारावास
जागरण संवाददाता, बांदा: शहर के मुहल्ला मर्दन नाका में सरेआम युवक की हत्या में जुर्म साबित हो जाने पर
जागरण संवाददाता, बांदा: शहर के मुहल्ला मर्दन नाका में सरेआम युवक की हत्या में जुर्म साबित हो जाने पर एक आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। जब कि चार आरोपियों को संदेह के लाभ में बरी कर दिया गया है। इस मामले में महज एक ही आरोपी जमानत पर था। घटना क्रम में मृतक मुन्नू पुत्र मंसूर अहमद नि.मुहल्ला मर्दन नाका 9/10 अक्टूबर की रात्रि वह बाइक से घर जा रहा था। डीएवी कालेज चौराहे पर उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई। घटना की रिपोर्ट कोतवाली में मृतक के भाई अंसार पुत्र मंसूर ने दर्ज कराई। बताया कि भाई मुन्नू के घर जाते समय मुहल्ले का नजीर उर्फ प्यारे बाइक के सामने खड़ा हो गया। इसी बीच शाहरूख पुत्र नजीर उर्फ प्यारे, इरफान उर्फ पप्पू पुत्र अशफाक उर्फ चुन्नन, इरफान उर्फ लाला पुत्र कल्लू, चांद बाबू पुत्र अशफाक हाथों में तमंचा लिए हुए आए और ताबड़तोड़ गोली
चला दी। गोली मुन्नू के शरीर में लगी। उसने जान बचाने के लिए भागने का प्रयास किया। लेकिन उसकी टीशर्ट को नजीर उर्फ प्यारे ने पकड़ कर घसीट लिया। जिससे वह
जमीन पर गिर पड़ा। आरोपी तमंचा लहराते हुए भाग गए। मुन्नू को मुहल्ले के लोग जिला अस्पताल ले गए। जिसकी अस्पताल जाते समय मौत हो गई। अभियोजन पक्ष से सहायक शासकीय अधिवक्ता फेरन ¨सह पाल ने दस गवाह पेश किए। मामले की सुनवाई कर रहे विशेष न्यायालय डकैती कोर्ट के न्यायाधीश डीपीएन ¨सह ने गवाहों व साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद आरोपी शाहरूख को धारा 302 का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास व बीस हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है। जबकि शेष चार आरोपियों को संदेह के लाभ में बरी कर दिया है।