खराब पडे़125 नलकूप,कैसे बुझे पशुओं की प्यास
बांदा, जागरण संवाददाता : सिचाई विभाग चाहे जितने दावे करे की जिले मे पशुओं की प्यास बुझाने के लिए नहर
बांदा, जागरण संवाददाता : सिचाई विभाग चाहे जितने दावे करे की जिले मे पशुओं की प्यास बुझाने के लिए नहरों से तालाब भरे गए हैं,लेकिन हकीकत तो यह है कि तालाबों से धूल उड़ रही है। पशुओं की प्यास बुझाने के लिए एक मात्र सहारा सरकारी व गैर सरकारी ट्यूबवेल ही बचे हैं। जिसमे पचीस फीसदी सरकारी ट्यूबवेल यांत्रिक व विद्युत दोष से खराब पडे़ हुए हैं।
पिछले दिनों तालाबों को भरने के लिए नहरों मे पानी छोड़ा गया था ताकि प्यास से दम तोड़ रहे पशुओं को बचाया जा सके । नहरों में छोड़ा पानी तलहटी मे ही सूख गया। जब कि सिचाई विभाग दावा कर रहा है कि जिले मे 275 तालाब व 116 पोखर भरे गए हैं जबकि हकीकत इससे काफी इतर हैं। कुछ तालाबो को अपवाद मान ले तो बडे़-बड़े तालाबों मे बूंद पानी नहीं है। भीषण गर्मी में पशु-पक्षियों का भी गला सूख रहा हैं। तालाब, पोखर सूखे पडे़ हुए हैं। पानी न मिलने से ग्रामीण क्षेत्रों मे बड़ी संख्या मे पशु-पक्षी दम तोड़ रहे हैं। पशुओं की प्यास बुझाने के लिए जिले के सरकारी व गैर सरकारी टयूबवेल ही बचे हैं,लेकिन प्रशासन ट्यूबवेलों की ओर भी कोई ध्यान नही दे रहा हैं। जिले के 554 सरकारी ट्यूबवेलों मे 124 ट्यूबवेल खराब पडे़ हुए हैं। ऐसी स्थित मे पशुओं की प्यास बुझाने मे ट्यूबवेल भी सहायक साबित नही हो रहे हैं। प्राइवेट ट्यूबवेल संचालक बिजली व तेल खर्च होने के डर से नाममात्र ही ट्यूबवेल चलाते हैं। जिससे पशुओं की प्यास नही बुझ पा रही हैं।
इनसेट-
विकास खंडवार खराब पडे़ नलकूप
विकासखंड---यांत्रिक---विद्युतदोष
बडोखरखुर्द----06-------06
जसपुरा-------15-------14
बबेरू--------08-------04
कमासिन------18-------09
तिंदवारी------12-------15
महुआ-------02-------05
बिसंडा------06--------04
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इनसेट-
'खराब ट्यूबवेलों की मरम्मत के लिए नलकूप व विद्युत विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। कहा गया कि वह अपने-अपने विभाग से संबंधित खराबियों को दूर करें। - श्रीकृष्ण त्रिपाठी, जिला विकास अधिकारी