अतिक्रमण से सिकुड़ी सड़कें, यातायात प्रभावित
बांदा, जागरण संवाददाता : शहर अति व्यस्त और सन्नाटे में रहने वाली कोई भी गली ऐसी नहीं है जहां पर अतिक
बांदा, जागरण संवाददाता : शहर अति व्यस्त और सन्नाटे में रहने वाली कोई भी गली ऐसी नहीं है जहां पर अतिक्रमण न किया गया हो। जजी चौराहे से लेकर अशोक लाट तिराहे और महोबा रोड में अतिक्रमण की बेल बढ़ती ही जा रही है। मुख्य बाजार में तो हालात ही खराब हैं। यहां पर अगर कोई चौपहिया वाहन धोखे से घुस आया तो समझो जाम लगना तय है।
अशोक लाट तिराहे से महोबा रोड और जजी चौराहे तक अतिक्रमण से बुरा हाल है। नए बने फ्लाईओवर के नीचे खाली पड़ी जगह पर तमाम लोगों ने अपनी दुकानें सजा रखी हैं। इससे दोनो तरफ का मार्ग संकरा हो गया है। आवागमन में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। खास बात यह है कि इसी मार्ग पर सदर तहसील स्थित है। यहां से लगभग हर रोज मंडल स्तरीय और जिला स्तरीय अधिकारी आते जाते हैं, लेकिन अतिक्रमण से आवागमन में हो रही परेशानी की तरफ किसी का भी ध्यान नहीं जाता। अशोक लाट तिराहे पर भी अतिक्रमण कर लिया गया है। इसके साथ ही संकट मोचन की ओर जाने वाले मार्ग में सड़क पटरियों के दोनो ओर दो दर्जन से ज्यादा सब्जी विक्रेताओं ने अपनी दुकानें लगा रखी हैं। पिछले दिनो जजी तिराहे से अशोक लाट आने वाले मार्ग पर ट्रैक्टर की ट्राली का धक्का लग जाने से एक किशोरी गंभीर रूप से घायल हो गई थी। शहर के बलखंडीनाका मुहल्ले से महेश्वरी देवी और मुख्य बाजार की ओर जाने वाले मार्ग में अतिक्रमण की बेल दिन-रात फलफूल रही है। यहां तो लोगों का राह पर पैदल चलना मुश्किल हो गया है। मुख्य बाजार मार्ग में सड़क के दोनो पटरियों पर व्यापारियों के दुकानें सजा लेने और सड़क तक सामान फैला देने से मार्ग पूरी तरह से संकरा हो गया है। अगर धोखे से भी कोई चार पहिया वाहन मुख्य बाजार में घुस गया तो जाम लग जाता है। कमोवेश यही स्थिति शहर के सभी मार्गो का है। रामलीला मैदान के बगल से सब्जी मंडी की ओर जाने वाले मार्ग में भी अतिक्रमण की बेल दिन-रात बढ़ रही है। शहर का कोई भी मार्ग ऐसा नहीं है जहां पर अतिक्रमण की समस्या न हो।
कहां जाएं फुटपाथिया दुकानदार
अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान अपनी गुमटियों के नष्ट हो जाने से फुटपाथिया दुकानदार को दोबारा अपनी दुकान जमाने में काफी समय लग गया। उनका कहना है कि पिछले दिनो प्रशासन और पालिका की ओर से उन्हें गुमटियां उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया गया था। लेकिन आज तक उन्हें गुमटियां नहीं मिली हैं। फुटपाथिया दुकानदारों का कहना है कि अगर अब सड़क पटरियों से भी उनकी दुकानें फिर उजाड़ दी गई तो वह कहां जाएंगे।