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लावारिसों का नहीं कोई वारिस, पुलिस भी बेपरवाह

बांदा, जागरण संवाददाता : जिला अस्पताल में पांच दिन पूर्व जीआरपी के सिपाहियों ने जिला अस्पताल में एक

By Edited By: Published: Sat, 28 Mar 2015 01:23 AM (IST)Updated: Sat, 28 Mar 2015 01:23 AM (IST)

बांदा, जागरण संवाददाता : जिला अस्पताल में पांच दिन पूर्व जीआरपी के सिपाहियों ने जिला अस्पताल में एक 22 वर्षीय युवक को दुर्घटना में घायल होने के बाद लहूलुहान हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। दो दिन तो वह कुछ नहीं बोला, तीसरे दिन होश आने पर उसने अपना नाम हनुमान और पिता का नाम सिपाहीलाल निवासी घूरपुर इलाहाबाद बताया। उसकी दशा को देखते हुए स्वास्थ्य कर्मचारियों ने उसकी बात पर विश्वास नहीं किया। इलाज के नाम पर एक-दो इंजेक्शन और कुछ दवाएं दे दी जा रही हैं। देखरेख न होने के कारण बेड पर एड़िया रगड़ रहे लावारिस युवक के पास दुर्गध के कारण खड़ा होना मुश्किल हो गया है। दूसरी तरफ एक 70 वर्षीय वृद्ध भी लावारिस हालत में जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती है। पांच दिन का समय गुजर चुका है। अस्पताल प्रशासन की ओर से खाना-पानी कुछ नहीं दिया गया। वार्ड के अन्य मरीजों और तीमारदारों ने बताया कि गुरुवार की दोपहर वृद्ध को पानी पिलाया था, तब कहीं हिलना-डुलना शुरू किया था। जिला अस्पताल प्रशासन लावारिसों के उपचार और उनकी देखरेख को लेकर संवेदनहीन बना है। लावारिस युवक जो अपने को इलाहाबाद का निवासी और पिता का नाम बता रहा है, इसके बारे में पुलिस को सूचना नहीं दी जा रही। इधर पुलिस भी सूचना न आने का बहाना बनाए बेपरवाह है। अगर इन दोनो लावारिसों के परिजनों को नहीं खोजा गया तो दोनो लावारिसों की जिंदगी भी बेपरवाही की भेंट चढ़ जाएगी।


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