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बालू माफियाओं ने जलधारा रोक बागे नदी पर बनाया पुल

बांदा, जागरण संवाददाता : राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) की सख्ती भी बुंदेलखंड के बांदा में आकर

By Edited By: Published: Sun, 19 Oct 2014 08:50 PM (IST)Updated: Sun, 19 Oct 2014 08:50 PM (IST)
बालू माफियाओं ने जलधारा रोक बागे नदी पर बनाया पुल

बांदा, जागरण संवाददाता : राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) की सख्ती भी बुंदेलखंड के बांदा में आकर दम तोड़ गई। खनिज व पुलिस विभाग की मिलीभगत से बालू माफियाओं का दुस्साहस इतना ज्यादा बढ़ा हुआ है कि अब नदियों की धार रोककर पुल बना रहे हैं और उसके उपर से सैकड़ों ट्रक बालू की चोरी कर रहे हैं।

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नरैनी थाना क्षेत्र में मासूम की अवैध खनन के ट्रेक्टर से मौत के मामले में अधिकारियों की लापरवाही खुलकर सामने आई है। इस घटना ने कहीं न कहीं बालू माफियाओं से पुलिस और प्रशासनिक अमले, खासकर खनिज विभाग की मिलीभगत की भी पोल खोल दी है। जिले के खनिज विभाग और पुलिस की बालू माफियाओं से मिलीभगत पर्यावरण के लिए घातक बनी हुई है। बिसंडा थाना क्षेत्र के गढ़ी घाट पर नदी की धार को रोकर बालू माफिया बालू की निकासी सिंहपुर गांव से होकर कर रहे हैं। बालू माफियाओं को चित्रकूट जिले के एक एमएलए का संरक्षण प्राप्त होने के कारण उनका दुस्साहस और ज्यादा बढ़ा हुआ है। वहीं बांदा का जिला प्रशासन भी माफियाओं के आगे हाथ खड़े कर चुका है।

दरअसल, पुलिस और खनिज विभाग का बालू माफियाओं से गठबंधन की जड़े इतनी गहरी हैं कि प्रशासनिक अमला चाहकर भी इनपर कार्रवाई नहीं कर पा रहा है। यही वजह है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की टीम भले ही चंद दिनों में आने वाली हो लेकिन इसका कोई डर बालू माफियाओं के उपर दिखाई नहीं दे रहा है। नरैनी और मटौंध में पहले ही बालू का अवैध खनन धड़ल्ले से जारी है।

उधर, जिला खनिज अधिकारी हवलदार सिंह से जब इस संबंध में बात करने का प्रयास किया गया तो उनसे संपर्क नहीं हो सका।


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