फाइलों में शिक्षित किये जा रहे हैं प्रौढ़
बांदा, जागरण संवाददाता : भारत साक्षरता मिशन के तहत प्रौढ़ लोगों को शिक्षित किये जाने के मामले में भी खेल किये जाने का मामला प्रकाश में आया है। लोगों को शिक्षित करने के लिये पंचायत स्तर पर तैनात प्रेरकों द्वारा कागजों में ही लोगों को शिक्षित किया जा रहा है। सूची में जिन लोगों के नाम दर्ज हैं उन्हें ही नहीं पता कि वह शिक्षित किये जा रहे हैं।
जिले में 445 ग्राम पंचायतों में प्रेरकों की नियुक्ति कर चालीस वर्ष की आयु के ऊपर के व्यक्तियों को शिक्षित करने की मुहिम तो चालू है। इसके तहत भारत सरकार गांव के बुजुर्गो को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास कर रही है। लेकिन इस व्यवस्था का लाभ कितने लोगों को मिल रहा है इसकी जानकारी लेने का प्रयास जमीनी स्तर पर अधिकारियों द्वारा नहीं किया जा रहा। जानकारों की मानी जाये तो हकीकत यह है कि कुछ प्रेरक गांव में ही नही है,जो हैं वह प्राथमिक स्कूलों में बैठकर समय बिता रहे हैं। रजिस्टर में पंजीयन तो है लेकिन बुजुर्ग छात्र कभी भी पढ़ाई करने नही आते हैं लोगों का कहना है कि इन लोगों को पता ही नही है कि उनका नाम विद्यालयों में लिखा गया है। आरोप है कि बस फाइलों में नाम अंकित कर प्रेरक उन्हें कागजों में साक्षर बना रहे हैं। जबकि सरकार द्वारा भेजी जाने वाली धनराशि का को आर्डिनेटर व प्रेरक मिलकर बंदर बांट कर रहे हैं।
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बेसिक शिक्षा अधिकारी डा. सत्यनारायण ने कहा कि मामले की जानकारी नही है। जल्द ही जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।