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मनरेगा घोटाले की जांच के लिए आई सीबीआइ

बलरामपुर : महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना (मनरेगा) के घोटाले की जांच कर रही सीबीआइ टीम

By Edited By: Published: Fri, 21 Nov 2014 11:05 PM (IST)Updated: Fri, 21 Nov 2014 11:05 PM (IST)
मनरेगा घोटाले की जांच के लिए आई सीबीआइ

बलरामपुर : महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना (मनरेगा) के घोटाले की जांच कर रही सीबीआइ टीम ने जिले में पुन: डेरा डाल दिया है। सीबीआइ टीम सामग्री आपूर्ति और निर्माण कार्यो के अभिलेख के हिसाब से सत्यापन करेगी। सीबीआइ को अब तक जिन ग्राम पंचायतों के वर्ष 2007 से 2010 तक के अभिलेख नहीं मिले हैं सीडीओ ने उन सभी को नोटिस जारी करने की बात कही है।

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उच्च न्यायालय के आदेश पर मनरेगा योजना में अनियमितता की जांच केंद्रीय अंवषेण ब्यूरो की टीम कर रही है। पूर्व में कई बार सीबीआइ की टीम जांच के सिलसिले में जिले में आ चुकी है। 2007-08 से 2010 तक जिले में मनरेगा के तहत करीब 18 करोड़ रुपये का घोटाला पकड़ा गया है। घोटाले की जांच से जुड़े अभिलेख सीबीआइ टीम पहले भी साथ ले गई है। साथ ही मनरेगा में सामग्री आपूर्ति करने वाली संस्था के संचालकों के यहां भी छापेमारी की कार्रवाई की थी। दो दिन से सीबीआइ टीम जिले में डेरा डाले है। सीबीआइ टीम ने कुछ ग्राम पंचायतों में कार्यस्थल भी देखे हैं, लेकिन इसकी पुष्टि अधिकारी नहीं कर रहे हैं। सीबीआइ टीम के जिले में पुन: आने से घोटाले के आरोपियों की बेचैनी बढ़ गई है। जांच की अवधि में ग्राम प्रधान रहे लोगों में भी हड़कंप मच गया है। सीबीआइ टीम अब अगले चरण में गांव स्तर से कर्मियों व ग्राम प्रधानों से पूछताछ करेगी। एक-एक कार्यों और गांव में आपूर्ति की गई सामग्री का सत्यापन करेगी। इनसे जुड़े अभिलेखों की पड़ताल कर सत्यापन करेगी। ग्राम पंचायत अधिकारियों के सामने दिक्कत है कि जांच की अवधि वाले वर्षो के अभिलेख उनके पास सुरक्षित नहीं है क्योंकि योजना के शुरूआती सालों में एमएसआइ फीडिंग नहीं हुई है। ऐसे में कार्यो व सामग्री से जुड़े अभिलेख उनके पास खोजे नहीं मिल रहा है। इसी को लेकर ग्राम प्रधानों और ग्राम पंचायत अधिकारियों के हाथ पांव फूल रहे हैं। प्रभारी मुख्य विकास अधिकारी शिवकुमार ने बताया कि सीबीआइ टीम जिले में दो दिनों से कैंप किए है। टीम कहां जांच के लिए गई है इसकी जानकारी नहीं है। बताया कि 667 ग्राम पंचायतों में से करीब 40 प्रतिशत ग्राम पंचायतों का अभिलेख नहीं मिला है। इन अभिलेखों को जमा करने के लिए संबंधित खंड विकास अधिकारियों सहित अन्य जिम्मेदारों को नोटिस जारी की जा रही है। सीबीआइ टीम दिसंबर से जिले में बराबर कैंप करेगी।


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