अब मेगा सेंटर से होगी बीएचएनडी की निगरानी
बलरामपुर : प्रत्येक बुधवार व शनिवार को गांव में आयोजित किए जाने वाले ग्राम स्वास्थ्य पोषण दिवस (बीएच
बलरामपुर : प्रत्येक बुधवार व शनिवार को गांव में आयोजित किए जाने वाले ग्राम स्वास्थ्य पोषण दिवस (बीएचएनडी) की निगरानी अब लखनऊ में स्थित मेगा कॉल सेंटर से की जाएगी। इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इस योजना की शुरूआत होती बीएचएनडी छोड़ कर गायब रहने वाली एएनएम, आशा व आंगनबाड़ी केंद्र छोड़कर गायब नहीं हो पाएंगी। साथ ही पोषाहार वितरण में की जाने वाली मनमानी भी समाप्त हो जाएगी। स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रत्येक बुधवार व शनिवार को गांव में बीएचएनडी कराई जाती है। इसमें संबंधित क्षेत्र की एएनएम गांव में शिविर लगाकर शून्य से दो वर्ष तक के बच्चे व गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण एवं गर्भवती के स्वास्थ्य की संपूर्ण जांच करती है। यहीं पर आंगनबाडी कार्यकर्ता गर्भवती महिलाएं व बच्चों को पोषाहार भी वितरित करती हैं, लेकिन अधिकांश बीएचएनडी केंद्रों पर यह सभी कार्य कागजों पर ही कर लिए जाते हैं। दोनों विभाग के कर्मचारी आपस में मिलकर बिना गांव में गए ही कागज पर ही बीएचएनडी पूरा कर लेते हैं । गर्भवती महिलाएं व बच्चों को दिया जाने वाला पोषाहार पशुओं का चारा बन जाता है। इसी की रोकथाम में लिए अब विभाग द्वारा बीएचएनडी की मानीट¨रग राज्य मुख्यालय में स्थित मेगा कॉल सेन्टर से कराई जाएगी। साथ ही इसमें गायब रहने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी।
विभागों से मांगी गई है जानकारी
मेगा कॉल सेंटर को प्रभावी बनाने के लिए शासन द्वारा बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग से जिले में होने वाले बीएचएनडी कार्यक्रम, इसमें लगाई जाने वाली एएनएम, आंगनबाडी, आशा, संबंधित गांव के ग्राम प्रधान सहित इससे जुड़े सभी लोगों का नाम व मोबाइल नंबर मांगा गया है। जिससे केंद्र पर तैनात कर्मचारी वहीं बैठकर बीएचएनडी केंद्र पर हो रही गतिविधियों की जानकारी ले सकेंगे। साथ ही ग्राम प्रधान व क्षेत्र के अन्य संभ्रात लोगों से इसकी पुष्टि भी करेंगे। इसके अलावा सेंटर से जुड़े अधिकारियों को गांव में पहुंच कर बीएचएनडी केंद्र का स्थलीय निरीक्षण भी करेंगे।
गुमराह नहीं कर सकेंगे जिम्मेदार
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. घनश्याम ¨सह बताते हैं कि बीएचएनडी की निगरानी के लिए स्टेट पर मेगा कॉल सेंटर की स्थापना एक सराहनीय कदम है। इससे बीएचएनडी के कार्य में की जाने वाली हीलाहवाली समाप्त हो जाएगी। साथ ही अधिकारियों को गुमराह कर अपने काम से भागने वाले कर्मचारियों को चिह्नित कर उन पर आसानी से कार्रवाई की जा सकेगी।