भारतीय संस्कृति की रक्षा के लिए स्वदेशी अपनाएं : शारदानंद सरस्वती
बलरामपुर : शक्ति पीठाधीश्वर कांगड़ा हिमांचल प्रदेश से आए जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी शारदानंद सरस्वती
बलरामपुर : शक्ति पीठाधीश्वर कांगड़ा हिमांचल प्रदेश से आए जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी शारदानंद सरस्वती ने लोगों से स्वदेशी अपनाने का आह्वान करते हुए कहा कि ऐसा करने से ही भारतीय संस्कृति को बचाया जा सकता है। कहा कि पाश्चात्य संस्कृति की ओर जाना ठीक नहीं है। इसकी आड़ में चीन पूरी तरीके से हर क्षेत्र में हावी हो गया है। स्थिति यह है कि हमारे ही धन का प्रयोग चीन व पाकिस्तान भारतीय सेना के विरोध में कर रहे हैं। कहा कि अपने धर्म में रहते हुए ही वैदिक सनातन को अपने नैतिक मूल्यों का बचाए रखना भी भारत मां की सेवा करना है। गंगा, गीता व गऊ आदि सनातन परंपरा है जिन्हें आत्मसात करना और बचाना हर भारतीय का परम कर्तव्य है। उन्होंने मंदिर में साई की प्रतिमा रखकर पूजा न करने का आह्वान किया। कहा कि पूजा व उपासना व्यक्ति की आस्था पर है। किसी मंदिर में दूसरे संप्रदाय के देवी-देवता की मूर्ति रखना उचित नहीं है। शंकराचार्य प्रवचन के पूर्व मीडिया से मुखातिब थे। उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक के बाबत कहा कि सेना जो कर रही है अच्छा है एस पर सभी को गर्व करना चाहिए। इसके उपरांत उन्होंने मानस प्रचार समिति से संबद्ध श्री सनातन धर्म सभा बलरामपुर के तत्वाधान में नगर के रामलीला मैदान में आयोजित श्रीराम कथा में लोगों को धर्म का मर्म समझाया। मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।