शिरीन ने एयर पायलट बन रोशन किया नाम
बलरामपुर : महिला एयर पायलट बनकर क्षेत्र का नाम रोशन करने वाली शिरीन पाशा ने यह साबित कर दिया है कि अ
बलरामपुर : महिला एयर पायलट बनकर क्षेत्र का नाम रोशन करने वाली शिरीन पाशा ने यह साबित कर दिया है कि अगर हौसलों को पंख लग जाएं तो उड़ान भरने में कोई समस्या नहीं आती। इस उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता को देते हुए शिरीन पाशा बताती हैं कि उनके प्रोत्साहन से ही मुझे इस मुकाम पर पहुंचने का अवसर मिला है।
तहसील मुख्यालय से पाच किलोमीटर की दूरी पर स्थित गोगाथर गांव के निवासी अब्दुल हमीद खुद अच्छी शिक्षा नहीं पा सके थे, लेकिन अपनी सात बेटियों को अच्छी शिक्षा दिलाने की उनमें प्रबल इच्छा थी। मुफलिसी के चलते 1977 में रोजी-रोटी कमाने के लिए मुंबई चले गए। प्लास्टर ऑफ पेरिस केकारोबार से अर्जित पैसों से पुत्रियों को पढ़ाने और कुछ कर दिखाने की नसीहत काम आई। शिरीन पाशा की चार बड़ी बहनें चिकित्सा पेशे में हैं। शिरीन पाशा ने 2015 में पायलट की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। उसके बाद छह माह का प्रशिक्षण प्राप्त किया। पारिवारिक पृष्ठभूमि ज्यादा मजबूत न होने के बावजूद शिक्षा के प्रति जागरूकता के चलते एक मध्यम वर्ग से निकल कर शिरीन पाशा ने आसमान की बुलंदी को छुआ है। पिता अब्दुल हमीद का कहना है कि भले ही वह खुद अच्छी तालीम नहीं पा सके लेकिन उन्होनें अपनी पुत्रियों को बेहतर तालीम दिलाने के लिए अपनी पूरी कोशिश की। बेटी की पायलट बनने की इच्छा थी तो उसे प्रोत्साहन दिया और अपने मेहनत व लगन से उसने यह मुकाम हासिल कर लिया। इस सफलता पर सचिंद्र नाथ, नसीब अली, डॉ. इला देवी, मुनीर पाशा, नूरुल्लाह, मुर्तुजा व ताज मोहम्मद ने बधाई दी।