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समय से अस्पताल नहीं आते डॉक्टर, मरीज परेशान

बलरामपुर : सूबे के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. एसपी यादव के गृह जनपद के अस्पतालों में तै

By Edited By: Published: Sat, 28 Nov 2015 11:51 PM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2015 11:51 PM (IST)
समय से अस्पताल नहीं आते डॉक्टर, मरीज परेशान

बलरामपुर : सूबे के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. एसपी यादव के गृह जनपद के अस्पतालों में तैनात चिकित्सकों की लापरवाही थमने का नाम नहीं ले रही है। स्थिति यह है कि आठ बजे शुरू होने वाले जिला अस्पतालों में दस बजे तक डॉक्टर साहब ही नहीं आते हैं। इतना ही नहीं अस्पताल की साफ-सफाई व मरीजों को ओपीडी में दिखाने के लिए पर्ची काटने वाले कर्मचारी भी दस-दस बजे तक काउंटर से गायब रहते हैं। ऐसे में इलाज के लिए अस्पताल आने वाले मरीज इधर उधर भटकते रहते हैं। अस्पताल के कर्मचारियों व चिकित्सकों की ड्यूटी के प्रति लापरवाही शनिवार की सुबह अस्पतालों की स्थिति का जायजा लेने पहुंची जागरण टीम के सामने आई। प्रस्तुत है जिले के दो मुख्य महिला व पुरूष अस्पतालों की आंखों देखी -

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केस एक - सुबह साढे नौ बजे जिला मेमोरियल अस्पताल पहुंचने पर मरीज इधर-उधर घूमते दिखे। साढ़े नौ बजे सफाईकर्मी डॉ. जय प्रकाश के कमरे की सफाई कर रहा था। कर्मचारी ने बताया कि डॉक्टर साहब आए हैं दूसरे कमरे में बैठे हुए हैं। अस्तपाल में डॉ. पीके सिंह, डॉ. एमबी सिंह व होम्योपैथ विभाग के कमरे खाली पड़े हुए थे। इन कमरों में कोई नहीं था। डॉॅ. रमेश कुमार पांडेय के कमरे में संविदा पर तैनात डॉ. एससी भारती बैठे हुए थे। इसके अलावा अस्पताल में डॉ. एसके शर्मा का कमरा बंद था। डॉ. अरविंद का कमरा भी खाली था। डॉ. अरविंद अस्पताल के सर्जिकल वार्ड में मरीजों को देख रहे थे। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों से आए मरीज अस्पताल में इधर-उधर घूम रहे थे। कई मरीज डॉक्टर को दिखाने के लिए उनके कमरों के बाहर बैठे मिले। सीएमएस डॉ. एसएचआइ जैदी ने बताया कि आवश्यक काम के चलते शनिवार की सुबह साढ़े नौ बजे डॉ. पीके सिंह व डॉ. एमबी सिंह हमारे साथ ही थे। जबकि डॉ. रमेश कुमार पांडेय अवकाश पर हैं।

केस दो - जिला मेमोरियल के बाद सुबह दस बजे जिला महिला अस्पताल में पहुंचने पर वहां की स्थित और भी खराब मिली। अस्पताल में सुबह दस बजे मरीजों के लिए पर्चा बनाने के लिए बनाया गया काउंटर भी खाली था। काउंटर पर कोई मरीज नहीं था। इसके अलावा अस्पताल की सीएमएस डॉ. नीना वर्मा के कमरे का दरवाजा बंद था। डॉ. आरके सिंह का कमरा भी खाली था। अस्पताल में इलाज कराने आई राजेश्वरी देवी, छोटका, सुमन गुप्ता, लीलावती, प्रमोदनी, लक्ष्मी आदि मरीजों ने बताया कि वह दवा कराने के लिए नौ ही बजे अस्पताल आ गई हैं, लेकिन अस्तपाल में अबतक कोई चिकित्सक व कर्मचारी नहीं आया है। चिकित्सकों का इंतजार करने के बाद कई मरीज अस्पताल से वापस लौट गए। जब कि कुछ डॉक्टर के आने का इंतजार करते दिखे। सीएमएस डॉ. नीना वर्मा ने बताया कि मैने दस बजकर पांच मिनट से ही अपने कमरे में बैठकर मरीज देखना शुरू कर दिया था जबकि डॉॅ. आरके पांडेय तीन दिनों से छुट्टी पर हैं। पर्ची काउंटर खाली होने के संबंध में उन्होंने बताया कि काउंटर पर सन्नाटा होने के चलते कभी कभार वहां पर तैनात कर्मचारी बगल में बने फार्मासिस्ट के कमरे में बैठ जाते हैं।


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