भारत-नेपाल सीमा पर विशेष चौकसी
बलरामपुर : 1993 में मुंबई में हुए सिलसिलेवार बम धमाके के आरोपी याकूब मेमन को नागपुर जेल में फांसी द
बलरामपुर : 1993 में मुंबई में हुए सिलसिलेवार बम धमाके के आरोपी याकूब मेमन को नागपुर जेल में फांसी दिए जाने के बाद जिले में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। विशेष कर भारत-नेपाल सीमा पर अधिक सतर्कता बरती गई। मुख्य सड़क के साथ नेपाल को जोड़ने वाली कई पगडंडी रास्तों सीमा की रखवाली में तैनात सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) नौवीं व 50 वीं वाहिनी के जवान पूरी तरह से मुस्तैद रहे।
भारत-नेपाल की खुली सीमा होने के कारण भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने वाले अक्सर इन रास्तों का उपयोग कर आवागमन करते हैं। वैसे तो सीमा की रखवाली के लिए एसएसबी चप्पे-चप्पे पर तैनात है, लेकिन भारत नेपाल के बीच मैत्री संबंध होने के कारण उस स्तर की सख्ती नहीं हो पाती जिसकी जरूरत है। नौवीं वाहिनी ने कोयलाबास चौकी के साथ जरवा, हरैय्या सतघरवा थाना क्षेत्रों में संभावित रास्तों पर औचक जांच पड़ताल किया। साथ ही वाहनों की जांच की। इसी क्रम में 50 वीं वाहिनी के जवानों ने त्रिलोकपुर चौकी के सामने बौद्ध परिपथ पर वाहनों को रोकर दिनभर जांच का क्रम जारी रहा। इस बीच बढ़नी की ओर से आ रही कई बसों को रोककर एसएसबी जवानों ने सघन तलाशी ली। हालांकि इस कार्रवाई में कोई सफलता जवानों को नहीं मिली है। एसएसबी 50वीं बटालियन के सेनानायक डीबी सोनार ने कहा कि मुंबई ब्लास्ट के आरोपी को फांसी देने के बाद जारी निर्देशों के क्रम में सतर्कता बरती जा रही है। हालांकि सीमा पर जवान पहले से ही पूरी तरह से सजग रहते हैं सीमा की रखवाली कर रहे हैं। सीमावर्ती क्षेत्रों में विभिन्न खुफिया इकाइयों से जुड़े अधिकारी भी सक्रिय रहकर आवश्यक जानकारी जुटाते रहे।
-पुलिस महकमा भी रहा सतर्क
याकूब मेमन को फांसी देने के बाद जिले का पुलिस महकमा भी पूरी तरह से अलर्ट रहा। पुलिस अधीक्षक बीडी शुक्ला के निर्देशानुसार विभिन्न थानों की पुलिस अपने-अपने क्षेत्र में सक्रिय रही। पुलिस का विशेष जोर सार्वजनिक स्थानों जैसे बस स्टेशन, सिनेमा हाल, मुख्य बाजार व अधिक भीड़भाड़ वाले स्थानों पर रहा। इस क्रम में वाहनों के साथ आवागमन करने वालों की भी जांच पड़ताल की गई।