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बौद्ध परिपथ जामकर वकीलों ने फूंका सीएम का पुतला

बलरामपुर : बार कौंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के आह्वान पर सात सूत्रीय मांगों के समर्थन में मंगलवार को वकील

By Edited By: Published: Tue, 03 Mar 2015 11:06 PM (IST)Updated: Tue, 03 Mar 2015 11:06 PM (IST)

बलरामपुर : बार कौंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के आह्वान पर सात सूत्रीय मांगों के समर्थन में मंगलवार को वकीलों जमकर विरोध-प्रदर्शन किया। सदर तहसील गेट के सामने बौद्ध परिपथ पर चक्का जामकर प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का पुतला फूंककर विरोध जताया।

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धरना स्थल पर मांगों के समर्थन में सभा को संबोधित करते हुए संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि प्रदेश की सरकार अधिवक्ताओं के कल्याण का पैसा अपने अन्य मदों पर खर्च कर रही है। अधिवक्ताओं का शोषण किया जा रहा है। बार-बार बार कौंसिल की ओर से ज्ञापन व अन्य माध्यमों से बात सरकार के समक्ष रखने के बाद भी सात सूत्रीय मांगों को पूरा नहीं किया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दिया कि यदि हमारी मांगें नहीं मानी गई तो आंदोलन को उग्र रूप दिया जाएगा। अधिवक्ताओं के प्रदर्शन के क्रम में मौके पर पहुंचे नगर कोतवाल राजकुमार यादव समेत अन्य पुलिस कर्मियों ने पुतला छीनने का भी प्रयास किया, लेकिन अधिवक्ता पुतला फूंकने में कामयाब हो गए। कुछ देर के लिए तहसील गेट भी बंद कर दिया गया था। प्रदर्शन में जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सत्यदेव तिवारी, महामंत्री वर्षकार सिंह, राम गोपाल पांडेय, राजेंद्र द्विवेदी, शशांक त्रिपाठी, मोहित श्रीवास्तव, अनिल सिंह मामा, कुलदीप सिंह, कैलाश नाथ शुक्ल, राजकुमार त्रिपाठी, रईश निजामी, दुर्गेद्र पाठक, आशुतोष सिंह, अजीत सिंह, राम गोपाल पांडेय समेत बड़ी संख्या में अधिवक्ता मौजूद रहे।

उतरौला संवादसूत्र के अनुसार अधिवक्ता कल्याण निधि न्यासी समिति द्वारा देय धनराशि की सीमा डेढ़ लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने की मांग को लेकर अधिवक्ताओं ने मंगलवार को कार्य से वितर रहकर अपना विरोध व्यक्त किया। तहसील परिसर में प्रतीक स्वरूप मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का पुतला फूंक कर अपना विरोध जताया। बाद में महामहिम राज्यपाल को संबोधित सात सूची ज्ञापन एसडीएम वाईबी सिंह को अधिवक्ता संघ अध्यक्ष ने सौंपा।

ज्ञापन में प्रदेश में हो रहे अधिवक्ताओं को हत्या पर रोष व्यक्त करते हुए हत्यारों के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई करने तथा घटनाओं में मृत अधिवक्ता के परिजनों को पचास लाख रुपयों की आर्थिक सहायता देने की मांग की गई। अन्य मांगों में नए अधिवक्ताओं को प्रोत्साहन राशि देने, अधिवक्ताओं के गंभीर बीमारी की स्थिति में उनके दवा इलाज का खर्च शासन द्वारा वहन करने, वरिष्ठ अधिवक्ताओं को पेंशन देने की मांगें शामिल हैं। प्रदर्शन करने वालों में अध्यक्ष अनीसुल हसन, लकी खां, वंशीलाल, आज्ञाराम यादव, राकेश श्रीवास्तव, आलोक कुमार, इजहारुल हसन, मिथिलेश चौधरी, राजन श्रीवास्तव, फरीद, आरजू, अमित कुमार, राम प्रताप चौधरी समेत अनेक अधिवक्ता शामिल थे।


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