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राजेंद्र लाहिड़ी का बलिदान याद रखेगा हिंदुस्तान

बलरामपुर : देश को परतंत्रता की बेड़ियों से मुक्ति कराने के लिए शहीद हुए स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राज

By Edited By: Published: Thu, 18 Dec 2014 12:09 AM (IST)Updated: Thu, 18 Dec 2014 12:09 AM (IST)

बलरामपुर : देश को परतंत्रता की बेड़ियों से मुक्ति कराने के लिए शहीद हुए स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राजेंद्र नाथ लाहिड़ी को उनके बलिदान दिवस पर याद कर श्रद्धासुमन अर्पित किया गया। इसके लिए सेनानी संगठन के लोग गोंडा जेल में जाकर शहीद लाहिड़ी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किए तो नगर के वीर विनय चौराहा पर पैगाम सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था द्वारा बलिदान दिवस का आयोजन कर अमर शहीद लाहिड़ी को श्रद्धांजलि दी गई।

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इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने क्रांतिकारियों के जीवन पर प्रकाश डाला। बताया कि 29 जून 1901 को पावना जिला वर्तमान में बांग्लादेश क्षितिज मोहन लाहिड़ी के घर जन्मे राजेंद्र नाथ लाहिड़ी ने वाराणसी से इंटरमीडिएट परीक्षा पास कर रेब्यूलेशन पार्टी की सदस्यता ग्रहण किया। देश को आजादी दिलाने के लिए हथियारों की जरूरत थी। इसके लिए धन होना जरूरी था। धन की व्यवस्था हेतु पंडित राम प्रसाद बिस्मिल, ठाकुर रोशन सिंह, नवाब अशफाक उल्ला, राजेंद्र नाथ लाहिड़ी आदि ने लखनऊ के निकट काकोरी ट्रेन का सरकारी खजाना लूट लिया, लेकिन दुर्भाग्यवश क्रांतिकारी वीर पकड़े गए। बाद में इन चारों रणबाकुरों को सजा-ए-मौत की सजा सुनाई और अन्य को कारावास हुआ। गोंडा जेल में लाहिड़ी ने 17 दिसंबर 1927 को भोर चार बजे वंदेमातरम् का हुंकार भरा और फांसी के फंदे पर झूलकर सदैव-सदैव के लिए अमर हो गए। बुधवार को गोंडा जेल स्थित अमर शहीद राजेंद्रनाथ लाहिड़ी की प्रतिमा पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं संगठन के जिलाध्यक्ष गोविंद सिंह के साथ, मंत्री सुरेश चंद्र मिश्र, राजू श्रीवास्तव, अर्जुन मिश्र, उपाध्यक्ष ज्ञान प्रकाश, अंशू पांडेय, राजू अग्रवाल, बब्बू पांडेय, धर्मवीर आर्य, राघव बाबू तथा गोंडा बलरामपुर के सेनानी परिवार के लोग पहुंचे और माल्यार्पण कर शहीद के क्रांतिकारी संस्मरण को याद किया। इस क्रम में नगर के वीर विनय चौराहे पर पैगाम सामाजिक संस्था द्वारा आयोजित बलिदान दिवस में संस्था अध्यक्ष आजाद सिंह के नेतृत्व में उपस्थित लोगों ने शहीद की शहादत को याद किया। मौके पर बड़ी संख्या में अन्य लोग मौजूद रहे।


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