पिंजड़े में कैद हुआ तेंदुआ
बलरामपुर : आतंक का पर्याय बना तेंदुआ अंतत: वन विभाग के बुने गए जाल में फंस गया। शिकार की तलाश में पि
बलरामपुर : आतंक का पर्याय बना तेंदुआ अंतत: वन विभाग के बुने गए जाल में फंस गया। शिकार की तलाश में पिंजड़े में घुसा तो फिर बाहर नहीं निकल सका। सूचना मिलने के बाद वन विभाग की टीम तेंदुए को दूसरे स्थान पर शिफ्ट करने के लिए रात में ही मौके पर रवाना हो गई है। यह सफलता वन विभाग को बुधवार शाम लगभग छह बजे मिली है।
बता दें कि पिछले 19 दिनों से तेंदुआ का आतंक भांभर नाला व धोबहा पहाड़ी नाला के एक दर्जन गांवों में फैला हुआ है। गैंसड़ी व गौरा थाना क्षेत्र के विभिन्न गांवों में भ्रमण कर रहा तेंदुआ एक बच्ची को अपना निवाला बना चुका है। उसके हमले में एक वृद्ध की जान गई है और कई लोग घायल भी हुए हैं। तेंदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग ने घेराबंदी की है, लेकिन आए दिन वह उन्हें मात देता रहा। सोमवार की रात में पहले तेंदुआ ठाकुरडीह झौव्वा गांव के बाग में रखे गए पिंजड़े के पास ही गया था। मंगलवार की रात बाहर से ही पिंजड़ा के अंदर पंजा मार-मार कर उसने शिकार के लिए बांधी गई बकरी को मार डाला, लेकिन पिंजड़े के अंदर नहीं गया। बुधवार को दिन ढलने के पहले वन विभाग की टीम ने ठाकुरडीह झौव्वा गांव के समीप रामपाल सिंह की बाग में झाड़ियों के बीच पिंजड़ा रखा और उसमें बकरी बांधी। तेंदुए को रिझाने के लिए कुछ दूरी पर एक कुत्ता बांधा गया। बताया जा रहा है कि जैसे ही अंधेरा हुआ तेंदुआ बाग की झाड़ियों से निकला और पहले कुत्ते को अपना निवाला बना लिया। इसके बाद वह बकरी के लिए झपटा और पिंजड़े में घुस गया। जब तक वह मुड़ता पिंजड़े का गेट बंद हो गया और तेंदुआ उसमें फंस गया। ग्रामीणों ने तेंदुआ फंसने की सूचना तत्काल तुलसीपुर के वन क्षेत्राधिकारी एसके त्रिपाठी को दी। त्रिपाठी ने बताया कि तेंदुआ पिंजड़े में कैद हो गया है। वन विभाग की टीम मौके पर भेज दी गई है। जल्द ही घटनास्थल से पिंजड़ा हटाकर सुरक्षित स्थान पर रखा जाएगा। गुरुवार को इसे कहां छोड़ना है इस पर निर्णय लिया जाएगा।