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तेंदुए के हमले से वृद्ध की मौत, दहशत

बलरामपुर : स्थानीय थाना क्षेत्र के करगहिया गांव में घारी (गोशाला) में सो रहे 65 वर्षीय वृद्ध की तेंद

By Edited By: Published: Tue, 25 Nov 2014 11:30 PM (IST)Updated: Tue, 25 Nov 2014 11:30 PM (IST)
तेंदुए के हमले से वृद्ध की मौत, दहशत

बलरामपुर : स्थानीय थाना क्षेत्र के करगहिया गांव में घारी (गोशाला) में सो रहे 65 वर्षीय वृद्ध की तेंदुए के हमले से मौत हो गई। तेंदुए ने हमला कर वृद्ध के शरीर के कई हिस्सों को लहुलूहान कर दिया था। घटना सोमवार मध्य रात्रि की है।

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बता दें कि गौरा व गैंसड़ी थाना क्षेत्र में इन दिनों तेंदुआ का जर्बदस्त आतंक है। इसलिए भी लोग घरों में दिन ढलते ही दुबक जाते हैं। करगहिया गांव निवासी राम औतार (65) पुत्र पर्वदीन रात में करीब आठ बजे खाना खाने के बाद घारी में सोने चले गए। रात में तेंदुए ने घारी में घुसकर उनपर हमला बोल दिया। गंभीर रूप से घायल होने पर उनकी मौत हो गई। मृतक के पुत्र मोल्हू ने बताया कि भोर होने पर उनकी तलाश हुई तो खून से लथपथ शव खटिया के किनारे पड़ा मिला। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार गले को तेंदुआ ने काट दिया था। इसके बाद कई हिस्सों को नोच डाला था। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे थानाध्यक्ष राकेश यादव ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। ग्रामीणों को सर्तक रहने की सलाह दी गई है।

नाराज ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

गौरा चौराहा : तेंदुए के बढ़ते आतंक व वन विभाग की उदासीनता से नाराज ग्रामीणों ने गांव में प्रदर्शन किया। इस दौरान पीड़ित परिवार को मुआवजा देने व जानमाल की सुरक्षा करने की गुहार भी लगाई गई।

प्रदर्शनकारी ग्रामीणों का कहना है कि तेंदुए का आतंक बूढ़ी राप्ती के उत्तरी छोर पर ही सीमित था, लेकिन अब वह दक्षिण दिशा में आ पहुंचा है। गत दस नवंबर को जमुवरिया गांव के एक सात वर्षीय बच्ची को निवाला बनाने के साथ दो लोगों को तेंदुआ ने हमला कर घायल कर दिया था। आरोप है कि आए दिन हमले के बाद भी वन विभाग सुस्त पड़ा है। ग्राम प्रधान फतेह बहादुर यादव का कहना है कि करगहिया गांव की घटना संबंधित के अधिकारियों व कर्मचारियों के उदासीनता का गवाह है। प्रधान ने बताया कि बार-बार सूचना देने के बाद भी 12 बजे तक कोई अधिकारी घटना स्थल पर नहीं पहुंचा। बुधराज व जमील अहमद का कहना है कि इस समय रबी बोआई का समय है। किसान खेतों में काम करने नहीं जा पा रहे हैं। तेंदुए का आतंक बूढ़ी राप्ती व क्षेत्र में बह रहे अन्य पहाड़ी नालों के समीप रहता है। करगहिया गांव के पूर्व दिशा में स्थित भट्ठे पर तेंदुए को देखा गया था। इसकी सूचना के बाद भी वन विभाग के अधिकारी गंभीरता से कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी मुकेश चंद्र से तेंदुए से बचाने की गोहार लगाई है।


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