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तेंदुए ने फिर किया हमला, महिला घायल

गैंसड़ी (बलरामपुर) : बीते 18 दिनों से जमुवरिया, बेनीनगर, झौव्वा के ग्रामीण तेंदुआ के आतंक के साए

By Edited By: Published: Mon, 24 Nov 2014 09:53 PM (IST)Updated: Mon, 24 Nov 2014 09:53 PM (IST)

गैंसड़ी (बलरामपुर) :

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बीते 18 दिनों से जमुवरिया, बेनीनगर, झौव्वा के ग्रामीण तेंदुआ के आतंक के साए में जीवनयापन करने को विवश हैं। वन सुरक्षाकर्मियों द्वारा तेंदुआ को पकड़ने के लिए बनाई जा रही योजना के बीच रविवार की रात में झौव्वा गांव तेंदुए ने 55 वर्षीय महिला को हमलाकर घायल कर दिया। घायल महिला का उपचार परिजनों द्वारा सोमवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गैंसड़ी में कराया गया।

रविवार की रात में तेंदुआ को पकड़ने के लिए झौव्वा के ठाकुरडीह बाग में पिंजरा के अंदर बकरी बांधा गया था। क्योंकि तीन दिन पूर्व में तेंदुआ कुत्ता को अपना निवाला बना डाला था। उसी के आगे की कड़ी में ऐसा किया गया था, लेकिन वनकर्मियों की योजना को धता बताते हुए तेंदुआ बकरी के पास जाने के बजाय झौव्वा गांव में पहुंच गया। इसी समय रात्रि 12 बजे के आसपास भानुमती (55) पत्‍‌नी बृजे शौच के लिए घर से कुछ दूर पर गई थीं कि पहले से मौजूद तेंदुआ ने झपट्टा मार दिया। महिला के शोर मचाने पर गांव के लोग दौड़ पड़े तब तक तेंदुआ महिला के कमर के पास नोचकर भाग खड़ा हुआ। बृजे सोमवार की सुबह घायल महिला को इलाज कराने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे। यहां महिला का उपचार कराया गया। वन सुरक्षाकर्मी संत बक्श सिंह व नानबाबू मौके पर गश्त कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि तेंदुआ अपने आहार के स्वभाव के अनुसार तीसरे दिन आहार की खोज में निकलता है। इसी क्रम में रविवार को निकला था। उसके आहार की व्यवस्था के रूप में पिंजड़ा के अंदर बकरी बांधी गई थी, लेकिन वहां नहीं आया। सोमवार को फिर से पिंजड़ा के अंदर बकरी बांधी गई है।

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-घायल व पीड़ित परिवारों को नहीं मिली इमदाद

क्षेत्र के जमुवरिया, झौव्वा, बेनीनगर में तेंदुआ एक आठ वर्षीय बालिका पूजा पुत्री रामअचल निवासी जमुवरिया को विगत नौ नवंबर को अपना निवाला बना चुका है। 12 नवंबर को मुस्तान पुत्र रमजान (सात) बेनीनगर को घायल कर दिया था। 23/24 नवंबर की रात में झौव्वा गांव की 55 वर्षीय भानुमती पत्‍‌नी बृजे तेंदुआ के झपट्टा मारने से घायल हो चुकी है। ग्रामीणों में आक्रोश इस बात को लेकर है कि तेंदुआ आए दिन हमलावर होकर लोगों के जान का दुश्मन बन गया है। वन विभाग इसको पकड़ने में ठोस कार्रवाई नहीं कर पा रहा है। वहीं घायल लोगों को सरकारी सहायता भी नहीं मिल पा रही है।

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-डब्लूडब्लूएफ के विशेषज्ञ ने किया स्थल का भ्रमण

डब्लूडब्लूएफ के व‌र्ल्ड वि‌र्ल्ड फारेस्ट के विशेषज्ञ वारिश ने झौव्वा के ठाकुरडीह बाग के पास तेंदुआ का पगचिह्न लेकर उसके 16 वर्ष के उम्र का आकलन करते हुए बेहद चालाक करार दिया है। विशेषज्ञ का दावा है कि यही कारण है कि वन सुरक्षाकर्मी अपनी योजना में सफल नहीं हो रहे हैं।


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