जिले में दिसंबर से कैंप करेगी सीबीआइ टीम
बलरामपुर : महात्मागांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना (मनरेगा) के घोटाले की जांच के लिए आई सीबीआइ ट
बलरामपुर : महात्मागांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना (मनरेगा) के घोटाले की जांच के लिए आई सीबीआइ टीम अभिलेख खंगालने के बाद वापस लौट गई है। सीबीआइ टीम दिसंबर माह से जिले में कैंप कर गांव स्तर के लोगों से सीधा बात करेगी। साथ ही अबतक मांगी गई सूचना न देने वाले ग्राम पंचायतों पर सीबीआइ टीम की विशेष नजर रहेगी।
मनरेगा में वर्ष 2007 से 2010 तक किए गए संपूर्ण खर्च की जांच सीबीआइ कर रही है। जांच अवधि के दौरान सामग्री खरीद व गांवों को आवंटित बजट के मुताबिक खर्च की जांच करेगी। क्योंकि इसी अवधि में जिले में खिलौना, पानी टंकी, दवा किट, टेंट, कैलेंडर आदि पर ढ़ाई करोड़ रुपये का गोलमाल किया गया है। इसी गोलमाल की जांच में पूर्व में दो पीडी सहित सात लोगों पर कार्रवाई हो चुकी है। सीबीआइ टीम द्वारा बीच-बीच में जिले से घोटाला वर्ष के अभिलेख ले जा चुकी है। दो दिनों तक जिले में अभिलेख खंगालने के बाद टीम वापस लौट गई है। सीबीआइ दिसंबर माह से अपनी जांच तेज करेगी। इसके लिए टीम के सदस्य जिले में अस्थाई कार्यालय खोलकर ग्राम प्रधानों व ग्राम विकास अधिकारी से पूछताछ करेगी।
अबतक नहीं दिया हिसाब :
जिले के सभी 667 ग्राम पंचायतों से वर्ष 2007 से 2010 तक खर्च किए गए बजट का हिसाब पूर्व में ही मांगा गया था। अबतक गांवों में खर्च का हिसाब मुख्य विकास अधिकारी को नहीं मिला है। गैंसड़ी, पचपेड़वा, श्रीदत्तगंज, बलरामपुर, उतरौला, गैंड़ासबुजुर्ग, रेहरा बाजार, तुलसीपुर व हरैय्या सतघरवा विकास खंड के आधे से अधिक ग्राम पंचायतों ने अभी तक व्यय का हिसाब नहीं दिया है। हिसाब न देने वाले गांव के जिम्मेदार कार्रवाई की आशंका से बेचैन हैं। क्योंकि उनके पास इस अवधि का अभिलेख नहीं उपलब्ध है। प्रभारी सीडीओ शिव कुमार ने हिसाब न देने वाली ग्राम पंचायतों को शीघ्र रिपोर्ट जमा करने की नोटिस दी है। बताया कि दिसंबर माह में सीबीआइ टीम कैंप करेगी।