सातवीं मुहर्रम को हरवशपुर में लगेगा मेला
बलरामपुर : मुहर्रम की तैयारी तेज हो गई है। ताजिया बनाने का कार्य भी अंतिम दौर में हैं। लोग अपनी क्षम
बलरामपुर : मुहर्रम की तैयारी तेज हो गई है। ताजिया बनाने का कार्य भी अंतिम दौर में हैं। लोग अपनी क्षमता के अनुरूप ताजिया बनवाकर ले जा रहे हैं। इस क्रम में सातवीं मुहर्रम को हरवशपुर में लगने वाले मेला की तैयारी नगरपालिका प्रशासन ने शुरू कर दी है। हरवशपुर मजार सड़क से करीब है। इसलिए मार्ग पर वाहनों का आवागमन सुबह सात से अपराह्न पांच बजे तक रोकने के लिए चेयरमैन इशरत जमाल ने पुलिस अधीक्षक को पत्र दिया है।
नगर पालिका अध्यक्ष इशरत जमाल ने बताया कि मुहर्रम के मद्देनजर ताजियादारों व सद्दादार कमेटी के लोगों के साथ बैठक कर सुझाव मांगे गए थे। बैठक में ही मांग की गई बलरामपुर से भैंसहवा मार्ग पर हरवंशपुर में सातवीं के दिन लगने वाले मेले को देखते हुए यातायात नियंत्रित किया जाए। पूर्व में मेला के दौरान आवागमन बंद रहता था। बताया कि एसपी बीडी शुक्ल को भैंसहवा मार्ग पर सुबह सात से अपराह्न पांच बजे तक वाहनों का आवागमन रोकने के लिए पत्र लिखा गया है।
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-कर्बला कमेटी ने की तैयारी
मुहर्रम को लेकर सजावट नौजवान कर्बला कमेटी की बैठक हनीफ मास्टर के आवास पर हुई। बैठक की अध्यक्षता शाबान अली ने की। जिसमें मुहर्रम के व्यापक तैयारियों पर चर्चा की गई। साथ ही आय-व्यय का ब्यौरा प्रस्तुत किया गया।
कर्बला कमेटी के महामंत्री श्यामगोपाल सक्सेना ने कहा कि आपसीं एकता और भाईचारे को बनाए रखते हुए मुहर्रम शांतिपूर्ण ढंग से मनाएं। कहा कि इतिहास गवाह है कि यहां पर सभी लोग आपस में मिल जुलकर एक-दूसरे का त्योहार हंसी-खुशी से मनाते है। कर्बला की साफ-सफाई, प्रकाश की व्यवस्था, चूना पानी आदि के छिड़काव के लिए नगर पालिका परिषद को सूचित किया जा चुका है। ताजियादारों को आवागमन में असुविधा न हो इसके लिए मुख्य मार्ग पर वाहनों का आवागमन को प्रतिबंधित करने एवं शांति व्यवस्था को बनाए रखने के लिए प्रशासन से कहा गया है। इस अवसर पर अनुज सिंह, शफीक, मनोज कश्यप, विकास, मेराज, अकील अहमद, चुन्नू, मोहम्मद अमीन, गोपाल सिंह, सुरेश मिश्र, कासिम आदि मौजूद रहे।
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उतरौला में मजलिस व तकरीरों का दौर
यौम-ए-अशरा के चलते क्षेत्र में मजलिसों तथा तकरीरों का दौर शुरू हो गया है। मंडल में मुहर्रम के दौरान विशिष्ट आयोजनों के चलते क्षेत्र का विशिष्ट स्थान है। पाकिस्तान, अफगानिस्तान, इराक, इरान, सीरिया, अमेरिका समेत विश्व के अनेक देशों में रोजगार कर रहे शिया समुदाय के हजारों लोगों की आमद के बाद पूरा क्षेत्र मुहर्रम के रंजोगम में सराबोर हो जाता है। मातमी जुलूसों, आग पर चलना तथा छप्पन छुरियों के मातम के चलते नगर क्षेत्र का मुहर्रम कुछ अलग दिखता है।