गंदगी से सांस लेना हुआ दूभर
बलरामपुर : टूटी नालियां, खराब स्ट्रीट लाइटें, जगह-जगह जमा कूड़े के ढेर तथा उनसे उठती दुर्गध वार्ड संख
बलरामपुर : टूटी नालियां, खराब स्ट्रीट लाइटें, जगह-जगह जमा कूड़े के ढेर तथा उनसे उठती दुर्गध वार्ड संख्या 24 सुभाषनगर की स्थायी पहचान बन चुकी है। घटिया निर्माण कार्य के चलते छह महीने में ही टूट गई नाली वार्ड की बदहाली उजागर कर रही है। जागरण हालचाल टीम के सदस्य सुरेंद्र श्रीवास्तव की रिपोर्ट -
वार्ड की सीमा स्टेट बैंक के मोड़ से शुरू होकर मसूदिया मार्ग, अंजुमन स्कूल तक है। वार्ड की आबादी लगभग दो हजार है। अदीबिया स्कूल के सामने मुख्य सड़क पर हफ्तों से डंप कूड़ों को कुत्ते, मुर्गी तथा बकरियों ने पूरी सड़क पर फैला दिया है। कूड़ादान को सीधा रखने के बजाए उलट कर रखा गया है। जिसके चलते घरों से निकला कूड़ा भी डस्टबिन के बजाए सड़क पर लोग डालते हैं। वार्डवासी मुहम्मद मसी बताते हैं कि हफ्तों तक कूड़ा उठान न होने से दुर्गध के कारण आसपास के घरों में बैठना मुश्किल हो जाता है। छह महीने पहले वार्ड में पक्की नाली का निर्माण कराया गया था लेकिन खराब गुणवत्ता के चलते बनते ही नालियां ध्वस्त होने लगी और स्थिति यहां तक पहुंच गई कि वार्ड की कई नालियों की खराब दशा के चलते नाली का पानी सड़क पर फैल जाता है। वार्डवासी मुहम्मद रब पप्पू बताते हैं कि टूटी नालियों की सफाई नहीं हो पाती है और जगह-जगह मलबा, कीचड़ तथा पॉलीथीन के चलते नाली चोक है। वार्ड के नसीर अहमद के घर के सामने सड़क के दोनों तरफ की टूटी नालियां निर्माण कार्यो में बंदरबांट की कहानी बयां कर रही है। वार्ड के नियाज अहमद बताते हैं कि कूड़ा निस्तारण की कोई व्यवस्था न होने के चलते सफाई कर्मी मुख्य सड़क पर कूड़ा डंप कर देते हैं और कई-कई दिनों तक कूड़ों की उठान नहीं कराई जाती है। वार्ड के रिजवान अहमद बताते हैं कि मसूदिया पार्क सार्वजनिक कार्यक्रमों तथा बच्चों बूढ़ों के समय बिताने के लिए प्रमुख स्थान है लेकिन पार्क की नियमित सफाई कराने के लिए नगर पालिका कोई व्यवस्था नहीं करती। पार्क में एक दशक पूर्व में लगे हाईमास्ट के न जलने की शिकायत करते हुए शेरदिल, सलमान, असहद आदि बताते हैं कि इस पार्क में शाम के समय बच्चे खेलने के लिए एकत्र होते हैं। कई मुहल्लों को जाने वाला मार्ग भी इस पार्क से है लेकिन प्रकाश की व्यवस्था नहीं कराई जा रही। वार्ड में जोखू के मकान के सामने खंभे पर साल भर के भीतर दो सोडियम लाइट लगवा दिए गए लेकिन एक भी सोडियम लाइट से प्रकाश नहीं मिल पा रहा है। पूरे वार्ड में आधा दर्जन खंभों पर लगे सोडियम लाइट नहीं जल रहे हैं। वार्डवासी मोहम्मद अमीन, कफील, शहजाद आदि का कहना है कि मसूदिया पार्क के महत्व को देखते हुए कम से कम एक हैंडपंप लगवा दिया जाए ताकि राहगीरों तथा पार्क में समय गुजारने वालों को पेयजल की समस्या से न जूझना पड़े।