डराकर फिर शांत हुई उफनाई राप्ती
बलरामपुर : नेपाली पानी से पिछले माह तबाही मचा चुकी राप्ती की उफनाती लहरों ने एक बार फिर तटीय क्षेत्रों में दहशत फैला दी, लेकिन दोपहर बाद उफान स्थिर होने से लोगों को राहत मिली है।
बता दें बाढ़ का पानी घटने से राप्ती का जलस्तर भी सामान्य हो गया था। शुक्रवार शाम से अचानक राप्ती नदी में उफनाने लगी। यह हालात शनिवार सुबह तक थी। एक समय तो राप्ती नदी चेतावनी बिंदु को छूने के कगार पर पहुंच गई थी, लेकिन दोपहर बाद अचानक लहरों का उफान थम गया और राप्ती सामान्य स्तर पर बहने लगी। इससे लोगों ने राहत की सांस ली है।
गौरा चौराहा संवादसूत्र के अनुसार राप्ती नदी के जलस्तर में वृद्धि होने की सूचना मात्र से तटीय गांवों के ग्रामीणों में दहशत व्याप्त हो गया है। चरनगहिया, करमहना, घोसियार, भरभरिया, बरईजोत, नौबस्ता, रजवापुर, महरी, गैंड़हवा, लालाजोत सहित अन्य कई गांव नदी की जद में जल्दी आ जाते हैं। गत दिनों की आई बाढ़ ने क्षेत्र में भारी तबाही मचाई थी, दर्जनों मकान गिर गए। सैकड़ों हेक्टेयर धान की फसल नष्ट हो गई थी। गांवों की सुरक्षा के लिए बना तटबंध बेलहा, चरनगहिया, रामनगर व रामपुर के पास कट गया था। जिसके मरम्मत कार्य अभी पूरा नहीं किया जा सका है। नरदाहे, बेकारू, प्रदीप, बाबूराम, बालमुकुंद आदि किसानों का कहना है कि राप्ती नदी में जो जख्म हम लोगों को दिया है उसे भरने में एक वर्ष लग जाएगा। लोगों ने बताया कि यदि इस बार बाढ़ आई तो कुछ नहीं बचेगा और नदी के किनारे बसे ग्रामीण भुखमरी के कगार पर पहुंच जाएंगे।