मांगों को लेकर शिक्षक संघ ने दिया धरना
बलरामपुर : तदर्थ शिक्षकों का विनियमितीकरण और प्रोन्नत वेतनमान दिलाने की मांग को लेकर माध्यमिक शिक्षक संघ ने जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय पर प्रदर्शन किया। साथ ही 19 सूत्रीय ज्ञापन डीआइओएस को सौंपकर कार्रवाई की मांग की है।
डीआइओएस कार्यालय परिसर में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ अपने प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर शनिवार को धरना-प्रदर्शन किया गया। संघ के जिलाध्यक्ष भगवती प्रसाद शुक्ल ने कहा कि प्रदेश सरकार के आश्वासनों के पश्चात भी अभी तक मांगें नहीं मानी गई है। सीटी संवर्ग के शिक्षकों को एलटी संवर्ग संविलीन होने के उपरांत चयन वेतनमान का लाभ दिए जाने का शासनादेश नहीं जारी किया जा रहा है। शिक्षकों की मांगों को सरकार नजरअंदाज कर रही है। संघ के जिला मंत्री अशोक कुमार पांडेय ने कहा कि एकजुटता से ही लड़ाई जीती जाएगी। इसलिए मांगे पूरी होने तक संघर्ष जारी रखना होगा। स्नातकोत्तर उपाधि के अभाव में प्रोन्नत वेतनमान से शिक्षकों को वंचित कर दिया गया है। शिक्षक सेवानिवृत्त होते जा रहे हैं। एक अप्रैल 2005 के पश्चात नियुक्त शिक्षक जीपीएफ की कटौती और पेंशन से वंचित है। वित्तविहीन स्कूलों की मान्यता धारा 7(4) के तहत दी जाए। अंशकालिक शिक्षकों को पूर्ण कालिक शिक्षक घोषित नहीं किया जा रहा है। जबकि सरकार द्वारा पूर्णकालिक शिक्षक घोषित करने का आश्वासन कई बार दिया गया लेकिन शासनादेश नहीं जारी किया गया। शिक्षकों की मांगों को नजरअंदाज करना महंगा पड़ेगा। प्राइमरी विद्यालयों (बालक, बालिका) के शिक्षक पांच महीने तक अपने मासिक वेतन से वंचित हैं। 19 सूत्री मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया है। यदि मांगों को पूरा नहीं किया गया तो 30 सितंबर को शिक्षा निदेशक लखनऊ कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा। शिक्षकों ने जमकर नारेबाजी की। तत्पश्चात जिला विद्यालय निरीक्षक को ज्ञापन दिया। ज्ञापन देने से पहले सहदेव सिंह, कुंवर अनूप सिंह, साधना पांडेय, अनारा यादव, रीना श्रीवास्तव, सुनीता गौतम, मुस्तकीम अहमद सिद्दीकी, मारुफ अहमद, नफीस खां, अबूलैस, अशफाक, जितेंद्र कौशिक, शफातउल्लाह, प्रमोद वर्मा, अंजुम, श्याम मनोहर, मनीष, अंकुर, जगदंबिका मिश्र, शिव प्रसाद वर्मा, एके पाठक, राघवेंद्र, महादेव तिवारी, सत्यप्रकाश, दिनेश, अरुन तिवारी, रामानुज सहाय, गिरीश, देवेंद्र श्रीवास्तव, उमाशंकर सिंह, राकेश सिंह, आनंद प्रताप सिंह, राजेंद्र, दिलीप श्रीवास्तव, रमाकांत विश्वकर्मा, मनोज पाठक, उमेश, बालकृष्ण, सगीर, अब्दुल रब, युवराज, अजय शर्मा, बृजराम द्विवेदी, नरसिंह यादव, मोतीउद्दीन सिद्दीकी, बीएन सिंह, अजय कुमार वर्मा आदि ने विचार व्यक्त किए।