जल प्रलय के आगे बेबस दिखा प्रशासन
बलरामपुर : जिले में राप्ती नदी व पहाड़ी नालों में आए जल सैलाब के आगे जिला प्रशासन रविवार को पूरी तरह बेबश दिखा। दोपहर तक तीन नाव किसी तरह पहुंची तो उनमें से एक पानी में उतरते ही भर गई। स्थिति यह रही है कि कई लोग बचाव की गोहार लगाते रहे, लेकिन उनकी मदद प्रशासनिक स्तर से नहीं हो सकी।
बता दें कि शनिवार को जब बाढ़ आई तो
देरशाम जिलाधिकारी मुकेश चंद्र के हवाले से जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि बचाव एवं राहत कार्य बड़े पैमाने पर शुरू कर दिया गया है। प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए चार स्टीमर लगाए गए हैं। 260 लोगों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कर दिया गया है। कहा गया कि ग्राम गंगा बक्श भागड़ के 200, चोगिया कलां के 60 तथा चौकाखुर्द के एक परिवार को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया गया है। रविवार को जब बौद्ध परिपथ समेत अन्य स्थानों पर जलप्रलय बढ़ा तो बचाव के लिए किए गए प्रशासन के दावे की कलई स्वत: ही खुल गई। नगर से सटे बौद्ध परिपथ के समीप ही तीन ग्रामीण पिछले तीस घंटे से एक निर्माणाधीन दीवार के सहारे जान बचाए बैठे थे। वे मदद की गोहार लगा रहे थे, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं मिली। भला हो राकेश मिश्र नामक एक साहसी युवक का जिसने खुद अपनी जान की बाजी लगाकर तीनों का सकुशल बचा लिया। इसी तरह महराजगंज तराई थाना क्षेत्र के बनकटवा, तिवारीडीह, शांतिनगर, परसिया, कन्हौरा, रूपनगर, प्यारेडीह, लोहेपनिया व पूरे छीतन आदि गांव में आई बाढ़ में फंसे लोगों की मद्द के लिए एक भी सरकारी कर्मचारी नहीं पहुंचा। शांतिनगर में तो इस कदर तबाही है कि दीया जलाने के लिए भी सुरक्षित जगह नहीं बची है। दोपहर तक तीन नाव प्रशासन की ओर से दिखाई पड़ी जिसमें से एक नगर के बाहर उतरते ही पानी में डूब गई। बताया गया कि नाव की मरम्मत नहीं हुई है।