राप्ती व पहाड़ी नालों में जबरदस्त उफान, तटवर्ती गांवों में आई तबाही
बलरामपुर : पिछले तीन दिनों से हो रही बरसात व नेपाल से छोड़ गए पानी से राप्ती नदी व पहाड़ी नालों में जबरदस्त उफान है। मौजूदा समय में राप्ती खतरे के निशान (104.620 सेमी) से लगभग 32 सेंटीमीटर ऊपर 104.940 सेमी पर बह रही है। साथ ही जलस्तर में दो सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वृद्धि हो रहा है। राप्ती में पानी बढ़ने से तटीय क्षेत्रों में दहशत है। हरैय्या सतघरवा, तुलसीपुर व गैंसड़ी ब्लॉक क्षेत्र से गुजरे पहाड़ी नालों में भी जबरदस्त उफान है। पानी के बहाव के चलते ललिया-बलरामपुर, ललिया-महराजगंज तराई, गौरा-तुलसीपुर मार्ग पर जलभराव के चलते आवागमन ठप हो गया है। तीन दर्जन से अधिक गांव पानी से घिर गए हैं।
राप्ती नदी में तेजी से बढ़ रहे जलस्तर से तटीय क्षेत्रों में बसे गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। बौद्ध परिपथ पर बेलहा डिप से पानी बहने लगा है। सिसई घाट स्थित श्मशान घाट पानी में डूब गया है। शंकरनगर गांव में स्थित पूर्व माध्यमिक व प्राथमिक विद्यालय,प्राथमिक विद्यालय धर्मपुर बिनुहिनी भी पानी में डूब गया है। धर्मपुर में जोखूराम यादव के घर पानी भर गया है। कटराशंकर नगर में कटान होने से सहमे ग्रामीणों ने प्रदर्शन कर प्रशासन से बचाव की गोहार लगाई है। ललिया से बलरामपुर व मथुरा बाजार का संपर्क कट गया है। खरझार नाला पुल को छोड़कर बहाव दूसरी दिशा होने से महराजगंजतराई- ललिया मार्ग साहबनगर के पास कट गया है। इससे आवागमन भी ठप हो गया। पुल अब शोपीस बन गया है। नगर के नजदीक महरी-हैदरगढ़ के बीच तटबंध अधूरा होने से स्थिति और बिगड़ गई है।
गैंसड़ी संवादसूत्र के अनुसार
भांभर नाला द्वारा लगातार मदरहवा गांव की ओर हो रहे कटान से गांववासी भयभीत है। रामलखन का घर व भांभरनाला का फासला मात्र दस मीटर रह गया है जो कभी भी नाला में समाहित हो सकता है। क्षेत्र के कटहा, नकटी नाला, भांभरनाला, बडुईनाला, दारा नाला, बूढ़ी राप्ती में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। पुलिस प्रशासन द्वारा पहाड़ी नालों के आसपास रहने वाले ग्रामीणों को सतर्क किया गया। यही नहीं चित्तौड़गढ़ जलाशय में लगभग चार-पांच पहाड़ी नालों का पानी आने से जलाशय के बैराज को मध्यरात्रि खोल दिया गया। जिसके कारण भांभर नाला में आए बाढ़ के कारण मदरहवा गांव में रात्रि 10 बजे पानी घुस गया। जिसमें रामलखन भारती, जगन्नाथ, गुलाम हुसैन, शकील अहमद, भगवानदीन, दु:खहरण, बालकराम के घरों में जांघ भर पानी भर जाने के कारण खाना बनाने का दौर नहीं रह गया। रामलखन का घर भांभर नाले से मात्र दस मीटर की दूरी पर रह गया है। कई दिनों से हो रहे बरसात के कारण क्षेत्र के पहाड़ी नालों में आए बाढ़ के कारण मदरहवा, कुड़वा, कंधईडीह, जिगनिहवा, भदुई, हरनहवा, अल्लानगर, चुकवा, मनकी, बगनहवा, बगहिया, सुस्ता, गोड़ियनडीह सहित दर्जनों गांवों बाढ़ की चपेट में आ गए है। हजारों हेक्टेयर फसलें जलमग्न हो गई हैं। बूढ़ी राप्ती नदी में आई बाढ़ के कारण दतरंगवा व भुसैलवा डिप पर कई फीट पानी सड़क के ऊपर बहने से आवागमन ठप हो गया है। गौरा चौराहा से तुलसीपुर जाकर पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राएं विद्यालयों का बस न चलने के कारण विद्यालय नहीं जा सके।
उपजिलाधिकारी योगेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि संबंधित बाढ़ क्षेत्र के राजस्व कर्मियों व बाढ़ नियंत्रण में लगे कर्मचारियों को स्थिति पर नजर रखने के लिए निर्देशित किया गया है। कही कोई अप्रिय घटना की जानकारी नहीं है।
उतरौला संवादसूत्र के अनुसार राप्ती नदी में बढ़े जलस्तर से तटवर्ती गांवों में पानी बहने लगा है। महुआधनी गांव के मटियरिया डीह में नदी का पानी घुसने लगा है। यहां बने तटबंध के गैप से पानी गांव की ओर तेजी से बढ़ रहा है। ग्रामीण रामचरन, मनीराम, रामसागर, सुकई, इब्राहिम आदि ने मांग की कि लगातार बढ़ रहे जलस्तर से गांवों को हो रहे नुकसान को रोका जाए। ड्रेनेज खंड के अवर अभियंता आरपी यादव ने बताया कि फिलहाल नदी में अपना रास्ता बदल लिया है। इसलिए खतरा टल गया है। तहसीलदार राजेश सिंह ने गांव का दौरा किया। श्रीदत्तगंज के चंदापुर में पिछले साल कटे तटबंध का मरम्मत न होने से आसपास के कई गांव पानी की जद में हैं।