स्वाद संग सेहतकारी भी है लिट्टी-चोखा
नितेश राय ---------- बलिया : बागी बलिया और लिट्टी-चोखा का पुराना संबंध है। एक समय था जब पूर्व
नितेश राय
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बलिया : बागी बलिया और लिट्टी-चोखा का पुराना संबंध है। एक समय था जब पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर अपने आवास पर लिट्टी चोखा बनवाते थे और उसे खाने के लिए लोगों की भीड़ लगती थी। आज भी लिट्टी चोखा का क्रेज वही है। बल्कि यूं कहे कि समय के हिसाब से और बढ़ गया है। भइया बलिया आए और लिट्टी चोखा नहीं खाएं तो क्या खाएं। जी हां बलिया में आपको हर चौक चौराहे पर कुछ मिले या न मिले लिट्टी चोखा की दुकान जरूर मिलेगी। हालांकि अब इ लिट्टी-चोखा सिर्फ यूपी बिहार तक ही सीमित नहीं है, बल्कि एक इंटरनेशनल डिश में शामिल हो गया है। इसका स्वाद तो अब विदेशों तक पहुंच गया है। यह हर जगह लोकप्रिय हो चुका है। स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद और अपने चटपटे स्वाद के लिए मशहूर इसके दीवानों की लिस्ट लगातार बढ़ती ही जा रही है। यही कारण है कि कभी पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बिहार के गरीब लोगों का यह मुख्य भोजन लिट्टी चोखा आज बड़े लोगों का शाही भोजन बनता जा रहा है। बड़ी-बड़ी पार्टियों में भी इसको मुख्य डिश में शामिल किया जा रहा है। देश के बड़े अभिनेता हों या राजनेता, आज सबकी पसंद है लिट्टी चोखा। आज देश के लगभग हर घर में इसका बोलबाला है। रोड किनारे लगे खानपान के ठेले हों या फिर बड़े-बड़े होटल्स के मेनू कार्ड, हर जगह इसका खास स्थान है। जिला अस्पताल के डा. एके स्वर्णकार बताते हैं कि लिट्टी चोखा सुपाच्य तो होता ही है। इसमें प्रयोग होने वाली चने की सतू से शरीर को आवश्यकता अनुसार प्रोटीन मिल जाता है। आजकल इसे बैलेंस फूड में शामिल किया जा रहा है।