ठंड में ¨सचाई के दौरान सावधानी बरतें किसान
बलिया : इस बार ठंड के तेवर को देख सभी के लिए सावधानी नितांत आवश्यक हो गया है। ठंड के प्रचंड रूप न
बलिया : इस बार ठंड के तेवर को देख सभी के लिए सावधानी नितांत आवश्यक हो गया है। ठंड के प्रचंड रूप ने बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक को अभी ही कांपने को मजबूर कर दिया है। इसमें सांस, अस्थमा व ब्लड प्रेशर तथा हृदय रोगियों के लिए तत्काल में हो रहा मौसम काफी खतरनाक है। ऐसे मरीजों के लिए यह मौसम काल के सामान ही हो रहा है। जिला अस्पताल में इस समय इस तरह के मरीजों की संख्या काफी हद तक बढ़ गई है। अस्पताल में ठंड लगने से बीमार पड़ कर आने वाले लोगों में अधिसंख्य सांस के रोगी ही आ रहे हैं। मौसम में तेजी से हो रहे बदलाव के बाद बच्चों में तो बीमारियों की संभावना और भी बढ़ गई है। ऐसे में इसमें जरा सी भी लापरवाही किसी के लिए भी जानलेवा साबित हो सकती है। इस भीषण ठंड को देखते हुए किसानों को तो और भी सावधान रहने की जरूरत है। खासकर ¨सचाई आदि से तो उनको सीधे तौर पर परहेज करना चाहिए।
सांस व हृदय रोगी न करें लापरवाही : डा.गहलौत
जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डा.पीके ¨सह गहलौत ने कहा कि वर्तमान मौसम को देखते हुए सभी को सावधान रहने की जरूरत है। इसमें जो सांस, अस्थमा, ब्लड प्रेशर व हर्ट के मरीज हैं उनको तो विशेष तौर पर सावधानी बरतने की जरूरत है। सांस व अस्थमा के मरीजों को ठंड से हरहाल में बचाव करना चाहिए। उच्च रक्तचाप वाले मरीजों को नियमित रूप से चेकअप कराते रहना चाहिए। इसमें नियमित रूप से एक ही दवा का सेवन करना भी खतरनाक होता है। हृदय रोगियों को सुबह-शाम घरों से निकलने में परहेज करना चाहिए। घरों से निकलते समय भरपूर गर्म कपड़े पहनने चाहिए। वसा युक्त व मसाले आदि के भोजन से परहेज करना चाहिए। इसमें गर्म व ताजा भोजन करना बेहतर होता है। इस मौसम में कब्ज की शिकायत काफी होती है जिससे पानी का भरपूर प्रयोग करना चाहिए।
अलाव के साथ ही किसान करें ¨सचाई
वर्तमान मौसम में किसान पूरी तरह से सतर्कता बरतें। खेतों में ¨सचाई आदि के दौरान और भी सावधान रहें नहीं तो जरा सी लापरवाही जानलेवा हो सकती है। खेतों में ¨सचाई के दौरान गर्म कपड़े पहनने के साथ पास में अलाव की व्यवस्था जरूर रखें। खेतों में ¨सचाई करते समय लगातार पानी में न रहें। इसमें बीच-बीच में खेतों से निकल कर आग जरूर सेंकते रहे। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही न करें। सहूलियत के हिसाब से दोपहर में धूप निकलने के बाद ही ¨सचाई आदि का काम करें।