बेटियों को स्कूलों से जोड़ेंगे अधिकारी
बलिया : परिषदीय विद्यालयों में बेटियों की संख्या बढ़ाने तथा नियमित उपस्थिति के लिए बेसिक शिक्षा विभ
बलिया : परिषदीय विद्यालयों में बेटियों की संख्या बढ़ाने तथा नियमित उपस्थिति के लिए बेसिक शिक्षा विभाग जल्द ही अभिभावकों को प्रेरित करने का अभियान चलाएगा। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में बेटियों को नियमित स्कूल भेजने के लिए विभागीय अधिकारी अभिभावकों के घरों तक दस्तक देंगे। प्रवेश लेने के बाद भी विद्यालयों में लगातार बेटियों की उपस्थिति का आंकड़ा कम होते जाने से शासन-प्रशासन के माथे पर ¨चता की लकीरें गहराने लगी हैं।
इसमें तमाम योजनाओं के संचालन के बाद भी बेटियों को स्कूल से जोड़ने की कवायद न दिखने पर अब अधिकारियों व शिक्षकों इस दिशा में जिम्मेदारी तय की जा रही है। ऐसे में इसके लिए विभागीय अधिकारियों के साथ ही शिक्षक भी बेटियों को स्कूलों तक लाने को उनके घर तक जाएंगे। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के निचले तबके में अभी भी अधिसंख्य लोग बेटियों का प्रवेश तो करा देते हैं पर विद्यालय भेजने में पिछड़ जाते हैं। इसमें काफी परिवार तो बेटियों को घरेलू कार्यों में उलझा कर उनका स्कूल से नाता ही तोड़वा देते हैं। ऐसे में इन सब परिस्थितियों से निपटने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग अब पूरी तरह कमर कस चुका है। बीएसए डा.राकेश कुमार ¨सह इसके लिए खंड शिक्षाधिकारी व समस्त एनपीआरसी व एबीआरसी को भी जिम्मेदारी सौंपने की तैयारी की है। इसके लिए उन्होंने शिक्षकों को भी जोड़ने की योजना बनाई है। हालांकि यहां इस पर बीएसए का प्रयास काफी पूर्व से चल रहा है। बीएसए पिछले शैक्षिक सत्र से ही बेटियों के नामांकन को बढ़ाने का अभियान चला रहे हैं। इसमें विभाग से सभी शिक्षकों को स्कूली छात्रों के घरों तक जाने का फरमान जारी किया गया था। ऐसे में इस शैक्षिक सत्र से तो इस पर और भी जोर है।
प्रोत्साहन के लिए की उपहार देने की पहल
बीएसए ने बच्चों को स्कूलों तक जोड़ने के लिए सभी एनपीआरसी व एबीआरसी को अपने स्वयं के खर्च से छात्रों को उपहार देने के लिए प्रेरित किया। बच्चे प्रोत्साहित होकर स्कूलों से जुड़े इसके लिए उन्होंने विभागीय लोगों को उपहार स्वरूप पठन-पाठन की सामग्री देने को प्रेरित किया। इसमें हर एनपीआरसी व एबीआरसी को पांच-पांच छात्र-छात्राओं को पठन-पाठन की सामग्री देने की पहल की गई है।
हरसंभव होगा प्रयास : बीएसए
बीएसए डा.राकेश ¨सह ने कहा कि बेटियों को विद्यालयों तक लाने के लिए हरसंभव प्रयास किया जाएगा। इसके लिए शिक्षकों समेत सभी विभागीय लोगों की भी जिम्मेदारी तय की जाएगी। इसके लिए जिले भर में अभियान चलाया जाएगा।