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आवास किसी का, रह रहा कोई और

बलिया : पूर्ववर्ती बहुजन समाज पार्टी की सरकार ने नगरीय क्षेत्र के दलितों को पक्की छत मुहैया कराने के

By Edited By: Published: Sun, 24 Jul 2016 06:16 PM (IST)Updated: Sun, 24 Jul 2016 06:16 PM (IST)
आवास किसी का, रह रहा कोई और

बलिया : पूर्ववर्ती बहुजन समाज पार्टी की सरकार ने नगरीय क्षेत्र के दलितों को पक्की छत मुहैया कराने के लिए मान्यवर कांशीराम शहरी आवास योजना संचालित की। इस योजना के तहत प्रत्येक नगर पालिका व नगर पंचायत में बहुमंजिले आवास निर्मित कराए तथा इसे दलितों को आवंटित किया। बसपा शासन में तो इन आवासों को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखा गया पर सरकार जाते ही यह सरकार की प्राथमिकताओं से ऐसे गायब हुए जैसे गधे के सिर से ¨सग। आज आलम यह है कि इन आवासों में कुछ पर दबंगों ने कब्जा कर लिया तो कुछ को स्वामियों ने स्वयं किराए पर दे रखा है। आवासों से बेदखल लोग अपने आवासों से अवैध कब्जा हटाने की गुहार लगा रहे हैं पर कोई इनकी सुन नहीं रहा है।

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मान्यवर कांशीराम शहरी आवास योजना के तहत नगर पालिका परिषद में तीन पाकेट में जीराबस्ती, टकरसन व जिला कारागार के सामने निर्मित कराया। इन आवासों में सर्वाधिक अराजकता जिला कारागार के सामने वाले पाकेट में है। यहां कई आवासों पर तो दबंग लोगों ने कब्जा कर लिया है और आवंटित दलितों को बेदखल कर दिया है। यहां प्रतिदिन मारपीट की नौबत उत्पन्न हो रही है पर जिला प्रशासन इस मामले में चुप्पी साधे है। अराजकता की स्थिति उत्पन्न करने के लिए कुछ हद तक वे लोग ही जिम्मेदार है जिनका यह आवास है। कुछ लोग पैसे के लालच में आवास किराए पर दे दे रहे है और किराएदार बाद में मकान छोड़ने का नाम ही नहीं ले रहे है।

कुछ कमरों पर पर अब ठेकेदारों का ताला

मान्यवर कांशीराम शहरी आवास योजना के तहत निर्मित आवासों में कुछ पर तो अब तक उन ठेकेदारों का ताला है जिन्होंने इस योजना को निर्मित किया था। निर्माण के पश्चात संबंधित विभाग को हस्तानांतरित होने के बाद ठेकेदार के कब्जे में रहना व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा करता है।

------------------------वर्जन--कांशीराम शहरी आवास योजना के मालिकाना हक को लेकर प्राप्त शिकायतों की जांच की जाएगी। जांचोपरांत संबंधित पर कार्रवाई की जाएगी।- बच्चालाल मौर्य, अपर जिलाधिकारी।


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