खंडहर में तब्दील हो रहा ऐतिहासिक ईदगाह
-देखरेख न होने से दीवारों में पड़ी दरारें, बचे गुंबद भी धाराशाई होने के कगार पर रसड़ा (बलिया): उप
-देखरेख न होने से दीवारों में पड़ी दरारें, बचे गुंबद भी धाराशाई होने के कगार पर
रसड़ा (बलिया): उपेक्षात्मक रवैया से नगर स्थित सैकड़ों वर्ष पुराना ऐतिहासिक ईदगाह का अस्तित्व खतरे में पड गया है। देखरेख के अभाव में जगह-जगह इसकी दीवारों में दरारें पड़ गई हैं तो शेष बचे गुंबद भी धाराशाई होने के कगार पर हैं। हालात है कि इसके किसी भी क्षण ध्वस्त होने की संभावना प्रबल होती जा रही है गौरतलब है कि रसडा का यह ऐतिहासिक ईदगाह पूर्वांचल भर में विख्यात है। सैकडों वर्ष पहले बने इस धरोहर को सुरक्षित रखने के लिए एक दशक पूर्व तक इसकी मरम्मत की जाती रही ¨कतु मौजूदा समय मे ईदगाह कमेटी की लापरवाही व उदासीन रवैये के चलते इसकी दशा अत्यंत दयनीय हो गई है। इसके अस्तित्व को बचाने के लिए कुछ वर्षों पूर्व नगर के युवाओं ने आपसी सहयोग से इसके जीर्णोद्धार का बीड़ा उठाया था। इस क्रम में उन्होंने रंगाई पुताई व मरम्मत का काम प्रारंभ भी करा दिया था परंतु युवकों का यह उत्साहवर्द्धक कार्य कुछ लोगों को रास नहीं आया। लोगों ने इसमें तमाम तरह के अड़ंगे डाल दिए जिसके बाद युवकों का उत्साह फीका पड़ गया। इसकी वजह से वे इस कार्य से विरत हो गए। क्षेत्र के प्रबुद्ध वर्ग के लोगों का कहना है कि पूर्वजों के इस ऐतिहासिक धरोहर को बचाने के लिए कमेटी के साथ ही समुदाय के लोगों को भी युद्धस्तर पर प्रयास करना होगा। उत्साहित युवकों को एक बार फिर से आगे लाना होगा तभी ईदगाह का अस्तित्व बच पाएगा।