पर्यावरण संरक्षण में मानव की भूमिका अहम
- कार्यशाला में 25 गांवों की 95 महिलाओं ने की भागीदारी - महिलाओं को 3800 पौधे लगाने का लक्ष्य न
- कार्यशाला में 25 गांवों की 95 महिलाओं ने की भागीदारी
- महिलाओं को 3800 पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित
रसड़ा (बलिया) : पूर्वांचल ग्रामीण चेतना समिति राघोपुर के सौजन्य से विकास खंड रसड़ा के ड्वाकरा हाल में शनिवार को पर्यावरण एवं स्वच्छता पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में ब्लाक क्षे़त्र के 25 गांवों से 95 महिलाओं ने भाग लिया। साथ ही पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्यशाला में उपस्थित महिलाओं को 3800 पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया।
पर्यावरण विशेषज्ञ प्रदीप ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि पर्यावरण का अभिप्राय हमारे चारों ओर स्थित वातावरण से है। वातावरण के अंतर्गत प्राकृतिक उत्पादक जैसे वायु, जल, वनस्पतियां तथा सभी प्रकार के जीव जंतु समाहित होते हैं और वातावरण को शुद्ध करने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। इसलिए पर्यावरण को स्वच्छ एवं स्वास्थ्य वर्धक रखने की आवश्यकता है। शकुंतला ने पर्यावरण संरक्षण के लिए अधिक से अधिक पौधे लगाने पर जोर दिया ताकि वातावरण संरक्षण हो सके। कहा कि वृक्ष धरती के आभूषण हैं ऐसे में प्रदूषण बढ़ने से बचाव को युद्धस्तर पर कार्य करना होगा। साथ ही पौधों को भी बचाने का संकल्प लेना होगा तभी हमारा पर्यावरण जागरुकता अभियान सफल हो सकेगा। कार्यशाला में 25 गांवों की 95 महिलाओं को 3800 पौधे लगाए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। वहीं, दलित एवं सामान्य महिलाओं के लिए कई योजनाएं निर्धारित की गईं। वहीं प्रत्येक गांवों में 80 पौधे लगाए जाने के लक्ष्य निर्धारित किया गया। पौधों की देख-रेख भी समूह की महिलाएं ही करेंगी। त्रयमासिक योजना के अंतर्गत पौधरोपण, जल स्वच्छता, शौचालय आदि की प्रबंधन की योजना बनाई गई। संचालन केके गौतम ने की। इस मौके पर सावित्री, शिवधनी, पंकज आदि मौजूद थे।