आंधी-पानी ने फिर ली एक की जान
बलिया : जनपद में बुधवार की भोर में फिर आई तेज आंधी-पानी ने जमकर तबाही मचाने का काम किया। तेज हवा
बलिया : जनपद में बुधवार की भोर में फिर आई तेज आंधी-पानी ने जमकर तबाही मचाने का काम किया। तेज हवा की वजह से दर्जनों पेड़ धराशाई हो गए तो बिजली के पोल आदि भी उखड़ गए। हवा ने गंगा तटीय इलाकों में अधिक तबाही मचाई। यहां खुले में बने दर्जनों लोगों की झोपड़ी व पलानी आदि उड़ गई। बांसडीह कातवाली क्षेत्र के मंगलपुरा में पेड़ गिरने से अधेड़ सुदामा की मौत हो गई। दो दिनों से भोर में ही आ रही आंधी-पानी से बिजली को भी काफी नुकसान हुआ। कई जगहों पर पूर्व में आई आंधी से बिगड़ी बिजली व्यवस्था अभी सुधर भी नहीं पाई थी कि फिर एक बार कई क्षेत्रों में पोल व तार आदि टूट गए। आंधी की वजह से सबसे अधिक दिक्कत बिजली व्यवस्था को ही लेकर हुई। इसकी वजह से कई गांवों में बिजली सप्लाई ठप रही जिससे लोगों को काफी फजीहत झेलनी पड़ी। हालांकि दो दिनों से आ रही आंधी-पानी से मौसम काफी सुहाना हो गया। इसकी वजह से पूरे दिन तापमान में कमी रही जिससे लोगों को गर्मी से काफी राहत मिली।
अधेड़ ने अस्पताल में तोड़ा दम
भोर में आई तेज आंधी तूफान ने तहसील क्षेत्र के दर्जनों गांवों में तबाही मचा दी। बांसडीह कोतवाली क्षेत्र के मंगलपुरा निवासी सुदामा (55) पेड़ गिरने से उसके नीचे दब कर गंभीर रूप से घायल हो गए। आस-पास के लोगो ने आनन-फानन एंबुलेंस बुला कर जिला अस्पताल लेकर गए लेकिन यहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।
बारिश से किसानों की मिली राहत
समय के पूर्व ही इस बार बारिश के शुरू हो जाने से किसानों को काफी राहत मिल गई है। बारिश ने किसानों के चेहरों पर खुशी लौटा दी है। बारिश के बाद जिले भर में किसानों में खेतों की जोताई का काम शुरू कर दिया है तो धान की नर्सरी लगाने की तैयारी में भी जुट गए हैं। ऐसे में यह बरसात किसानों के लिए सोने के समान ही है। लगातार कई दिन हुई बारिश से खेतों में पर्याप्त नमी मिल जाने के बाद किसानों को जोताई आदि के लिए काफी सहूलियत हो गई है।
बारिश से मौसम हुआ सुहाना
रसड़ा : भोर में तेज आंधी ने जहां जमकर तबाही मचाई तो वहीं बारिश के चलते लोगों को काफी राहत भी महसूस हुई। भोर में लगभग पांच बजे अचानक आई तेज आंधी से कितने ही लोगों के टीन शेड हवा में उड़ गए तो वहीं पेड़ की डालियों सहित कई पेड़ भी धाराशायी हो गए। किसान रामाकांत ¨सह, राम छबिला ¨सह, सुरेश राम आदि ने बताया कि बारिश से खेतों में नमी आ गई है और यह बारिश सोना के रूप में बरसा है।