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¨रग बंधे में जगह-जगह पड़ीं दरारें

बैरिया (बलिया): गोपालपुर, दूबेछपरा व उदईछपरा की कुल 20 हजार की आबादी को बाढ़ से बचाने के लिए तीन

By Edited By: Published: Wed, 02 Sep 2015 06:53 PM (IST)Updated: Wed, 02 Sep 2015 06:53 PM (IST)
¨रग बंधे में जगह-जगह पड़ीं दरारें

बैरिया (बलिया): गोपालपुर, दूबेछपरा व उदईछपरा की कुल 20 हजार की आबादी को बाढ़ से बचाने के लिए तीन महीने पहले करोड़ों की लागत से निर्मित दूबेछपरा ¨रग बांध में जगह-जगह दरार आ जाने से ग्रामीण दहशत में हैं। इस ¨रग बंधे के निर्माण के तौर-तरीके व गुणवत्ता को लेकर तरह-तरह की चर्चा व्याप्त है।

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ग्रामीणों का आरोप है कि मननाने तरीके से ¨रग बंधा का निर्माण कराया गया और इसका भुगतान भी करा लिया गया। मगर किसी भी अधिकारी ने निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जांच नहीं की। आज आलम यह है कि अगर बाढ़ आ जाय तो यह बंधा उसे रोक नहीं पाएगा और तीनों गांव बाढ़ के पानी में डूब जाएंगे। कुछ ग्रामीण इस बंधे के निर्माण की जांच की मांग कर रहे हैं तो कुछ कह रहे हैं कि जांच से कोई अंतर पड़ने वाला नहीं है। ग्रामीणों ने ¨सचाई विभाग के अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता, अवर अभियंता से आग्रह किया है कि वह आकर एक बार बंधे को देख लें, सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा।

मुआवजा के लिए किसान लगा रहे हैं कार्यालयों का चक्कर

जिन किसानों के खेत से मिट्टी काटकर उक्त बंधे को बनाया गया है, उसमें से आधे से अधिक किसानों को उनका मुआवजा अभी तक नहीं मिल पाया है। संबंधित किसान मुआवजा के लिए कभी तहसील का चक्कर लगा रहे हैं तो कई ¨सचाई विभाग के कार्यालय का। हर बार संबंधित अधिकारी आश्वासन का घूंट पिलाकर उन्हें वापस भेज दे रहे हैं। किसानों का कहना है कि अगर एक पखवारे के अंदर उनका मुआवजा नहीं मिला तो वे मजबूरन सड़क पर उतरने को बाध्य होंगे।


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