..आधार संख्या बल पर निश्चित मात्रा में होता उठान
बलिया : एमडीएम की तरह आंगनबाड़ी केंद्रों पर संख्या बल के हिसाब से ही पुष्टाहार का वितरण सुनिश्चित करन
बलिया : एमडीएम की तरह आंगनबाड़ी केंद्रों पर संख्या बल के हिसाब से ही पुष्टाहार का वितरण सुनिश्चित करने का नियम है पर विडंबना है कि जिले के किसी भी केंद्र पर प्रति माह दिए जाने वाले पुष्टाहार की मात्रा में बदलाव नहीं होता। हर माह उन्हें एक निश्चित मात्रा ही प्रदान की जाती है।
बाल विकास पुष्टाहार विभाग द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत बच्चों के लिए पुष्टाहार पंजीरी की आपूर्ति की जाती है। पंजीरी भेजने का आधार केंद्र पर पंजीकृत छात्रों की संख्या है पर विडंबना कि अभी भी ब्लाक या केंद्रों का आवंटन कभी भी बदलता नहीं। हर माह एक निश्चित मात्रा में ही आपूर्ति होती है। ऐसे में एक बड़ा सवाल पैदा होता है कि क्या आंगनबाड़ी केंद्रों पर उपस्थिति प्रतिदिन शत-प्रतिशत रहती है या फिर यहां उपस्थिति लगाई ही नहीं जाती। छात्रों की संख्या प्रत्येक दिन समान रहना संभव नहीं है ऐसे में विभागीय अधिकारी इस बात पर ध्यान क्यों नहीं देते। जितना पुष्टाहार केंद्रों पर वितरण होता है कि नहीं इसकी मानीटरिंग का सिस्टम भी ठीक नहीं है। विभागीय अधिकारियों की मौन स्वीकृति पाकर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां इस पंजीरी को पुष्टाहार की जगह पशु आहार बना दे रही हैं।
बराबर होती है मानीटरिंग : डीपीओ
इस बाबत डीपीओ राम भवन का कहना है कि उठान की मात्रा पर बराबर मानिटरिंग होती है। केंद्रों हर माह भेजे जाने वाले पुष्टाहार में संख्या बल के हिसाब से बचत अंकित की जाती है तथा जब यह बचत एक माह के आपूर्ति के बराबर हो जाती है तो इसे एक माह की आपूर्ति मान ली जाती है। कहा कि केंद्र पर शत-प्रतिशत वितरण सुनिश्चत हो इसके लिए प्रयास जारी है।